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Wednesday, 22 August 2012

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चंडीगढ़ की आंटी लेखक : ankita rai

चंडीगढ़ की आंटी
लेखक : ankita rai

दोस्तो, यह कहानी आप तक पहुँचाने में मेरी दोस्त कोमलप्रीत कौर ने मेरी मदद की है।


मैं मोहित जालंधर, पंजाब से आपके लिए अपनी एक असली कहानी लेकर हाजिर हूँ। मैं अन्तर्वासना काफी समय से पढ़ रहा हूँ, सोचा कि मैं भी आपको अपनी जिंदगी के पहले सेक्स के बारे में बताऊँ।

अब कहानी पर आता हूँ, मैं जालंधर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ, मेरी उम्र 23 साल है। इंजीनियरिंग के आखिर

ी समेस्टर में मेरी 6 महीने की ट्रेनिंग चंडीगढ़ में एक कंपनी में थी। मैं चंडीगढ़ में एक पीजी में रहने लगा, वहाँ एक आंटी थी जिनकी उम्र करीब 50 साल की होगी मगर वो ऐसे सज-धज कर रहती थी जैसे 26 साल की हो।
और अंकल 54 साल के थे, उनका अपना काम था कंप्यूटर का ! आंटी ने मुझे पहले ही बोल दिया था कि यहाँ रहना है तो खाना भी यहाँ से खाना पड़ेगा।
अंकल ज्यादातर समय घर से बाहर रहते थे। मैं भी ट्रेनिंग पर कम ही जाता था, पूरा दिन टीवी देखता था, जो मेरे पीजी के कमरे में ही मुझे मिला था।
एक दिन मेरे कमरे में पानी नहीं आ रहा था, मैं नीचे आंटी को बोलने गया तो दरवाजा खुला था, मुझे लगा कि अंकल आये होंगे। मेरी आदत थी बिना दरवाजे पर बोले अंदर जाने की, और मैं अन्दर चला गया। अन्दर गया तो देखा कि आंटी बेडरूम में टीवी पर ब्लू मूवी लगा कर चूत में ऊँगली कर रही थी।

आंटी ने मुझे नहीं देखा था।

मेरा मन आंटी को चोदने को करने लगा, मगर मैं जानबूझ कर वापिस दरवाजे पर चला गया और आंटी को आवाज दी।

आंटी की आवाज आई- आती हूँ, एक मिनट वहीं रुको।

थोड़ी देर बाद आंटी आई और मुझसे पूछने लगी- क्या बात है?
मैंने कहा- आंटी मैंने आपको एक बात बतानी है, पर मुझे बहुत शर्म आ रही है।

मेरे ऐसा कहने से वो मेरे पीछे पड़ गई कि बताओ क्या बात है, वो बोल रही थी- मुझे बताओ ! मैं किसी को नहीं बताऊँगी।

तो मैंने कहा- आंटी, मेरे लण्ड में बहुत दर्द हो रहा है ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

पहले तो वो थोड़ी देर चुप रही और फिर मुझसे बोली- मोहित, मुझे दिखाओ कि कहाँ पर दर्द हो रहा है?

मैंने कहा- नहीं आंटी, मुझे शर्म आ रही है।

आंटी बोली- अच्छा मत दिखाओ ! मगर कुछ ज्यादा पंगा हो गया तो फिर मुझे नहीं कहना कि आंटी ने कुछ किया नहीं।

जिस पर मैंने कहा- आंटी, आप तो नाराज हो गई। मैं आपको अभी दिखाता हूँ।

आंटी बोली- एक मिनट रुको, मैं दरवाजा बंद करके आती हूँ।

फिर वो मुझे अपने बैडरूम में ले गई। अंदर जाकर मैंने अपनी पैंट खोल कर अपना लण्ड बाहर निकाल दिया।

वो बड़ी मस्त निगाहों से मेरे लण्ड को देख रही थी।

मेरा लण्ड ही ऐसा था कि कोई लड़की या औरत देख ले तो उसका चुदने का मन कर आये, साढ़े आठ इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लौड़ा आंटी ने अपने हाथों में पकड़ लिया और बोली- बताओ मुझे कि कहाँ पर दर्द हो रहा है।

उनका हाथ लगते ही लौड़ा खड़ा हो गया और पूरी तरह से आंटी के हाथों में तन गया।

मैंने कहा- आंटी, मत पकड़ो इसे, मुझे कुछ हो रहा है।

मगर वो तो जैसे मेरा लौड़ा बड़े ध्यान से जांच कर रही थी। कभी ऊपर से और कभी नीचे से।

मेरे लण्ड पर बने तिल को देख कर आंटी बोली- मोहित, बड़ी किस्मत वाला है तू, बहुत सारी चूतों में घुसेगा यह लौड़ा।

मैंने कहा- आंटी, आज तक तो इसको किसी ने छुआ भी नहीं और आप बोल रही हैं कि यह बहुत सारी चूत में घुसेगा।
आंटी बोली- देख, मैंने छुआ तो है ! अब बोल कहाँ हो रहा है दर्द?

मैंने कहा- आंटी आपने पकड़ा तो दर्द पता नहीं कहाँ चला गया।

फिर आंटी बोली- कोई बात नहीं, फिर भी लाओ मैं इस पर तेल की मालिश कर देती हूँ, ताकि दुबारा दर्द ना हो।

आंटी ने जल्दी जल्दी तेल लिया और मेरे लौड़े की मालिश शुरू कर दी, मुझे पता था अब आंटी पूरी गर्म हैं, आज चुदाई जरूर होगी।

मेरा लण्ड लोहे की छड़ जैसा हो चुका था, आंटी ने देखते ही देखते मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया।

मैंने पूछा- आंटी, यह क्या कर रही हो?

तो वो बोली- मोहित, मुझे तुमसे चुदना है। प्लीज मेरी चुदाई कर दो।

मैंने कहा- आंटी, मुझे कुछ हो रहा है।

तो वो बोली- होने दो, इसी में तो मजा आएगा। तुम को भी और मुझे भी।

आंटी ने फिर से मेरा लण्ड मुँह में डाल लिया और अंदर-बाहर करने लगी जैसे वो कोई आईस क्रीम हो।

मुझे भी बहुत मजा आ रहा था मगर अब मेरा छूटने वाला था, मैंने आंटी का सर पकड़ा और जोर जोर से उनके मुँह की चुदाई करने लगा।

आंटी की अब बुरी हालत हो रही थी मगर फिर भी वो पूरे मजे ले रही थी।

अचानक मेरा वीर्य निकल पड़ा और मैंने उनका मुँह अपने वीर्य से भर दिया। जब मैंने लण्ड निकाला तो वो बुरी तरह से हांफ रही थी।
अब मैंने आंटी को अपनी बाँहों में लेते हुए उनके बदन के सारे कपड़े निकाल दिए। मैंने आंटी के मम्मे पकड़े और जोर जोर से चूसने लगा।

फिर मैंने आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उनकी चूत की तरफ आकर उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी।

आंटी की चूत काफी फूली हुई थी। मैं उसमें उंगली डालने लगा, आंटी उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगी। मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो चुका था।

फिर हम 69 की अवस्था में लेट गये। अब मेरा मुँह उनकी चूत पर था और मेरा लण्ड उनके मुँह में।

थोड़ी ही देर में उनकी चूत में से काफी नमकीन सा पानी निकला।मुझे बड़ी मुश्किल हुई पर मैं सारा चाट गया। थोड़ी देर वो मेरे ऊपर ऐसे ही लेटी रही, फिर मैंने उनको सीधा लिटाया और अपना लण्ड उनकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा।

पर बहुत मोटा और बड़ा होने के कारण वो ठीक से अंदर नहीं जा रहा था। फिर मैंने उनकी गाण्ड के नीचे दो तकिए रख कर आंटी को लेटाया और धीरे धीरे लण्ड चूत के अंदर डालना शुरू किया।

आंटी की चूत पूरी गीली थी और इतनी उम्र में भी वो लण्ड के पूरे मजे ले रही थी। धीरे धीरे मेरा पूरा लण्ड आंटी की चूत में घुस गया। मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए। अब आंटी के मुँह से आह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह की आवाजें निकल रही थी। वो जोर जोर से चिल्ला रही थी। उन्हें देख कर मैं भी पूरे जोर से उनको पेल रहा था। दोनों तरफ से चुदाई का मजा लिया जा रहा था। यह मेरी जिन्दगी का पहला सेक्स था और मैं हैरान था कि मैं एक औरत को इतना मजा दे पा रहा हूँ, और वो भी इतना लम्बा समय।

फिर मैंने उनको घोड़ी बनने को कहा, जैसे मूवी में देखा था, वो तुरंत घोड़ी बन गई।

उनकी फूली हुई चूत पीछे से काफी सेक्सी लग रही थी। मैंने लण्ड का सुपारा उनकी चूत में घुसाया तो आंटी के मुँह से दर्द भरी आह्ह्ह निकल गई। मैंने एक हाथ से उनके बाल पकड़ लिए और दूसरा हाथ उनके मुँह पर रखते हुए पूरा लण्ड अन्दर धकेल दिया।

आंटी बुरी तरह से तड़प उठी और लण्ड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी। मगर अब मैंने उनकी कमर को अच्छे से पकड़ लिया था और लण्ड बाहर नहीं निकालने दिया।

आंटी दर्द से चिल्ला रही थी मगर थोड़ी देर में ही शांत हो गई। अब मैं जोर जोर से उन पर घुड़सवारी करने लगा। उनकी चूत में से फच फच की आवाजें आने लगी। लण्ड अंदर-बाहर होता तो मुझे बहुत मजा आता।

काफी देर तक मैंने आंटी की चुदाई की, अब मेरा माल छूटने वाला था, मैंने आंटी को कहा- मेरा छूटने वाला है, कहाँ निकालूँ?

तो वो बोली- मेरी चूत में ही निकाल दो।

मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा, आंटी का भी होने वाला था, वो भी आगे पीछे होकर चुदाई करवाने लगी।फिर हम दोनों एक साथ छुट गए। हम थक चुके थे, मैं वैसे ही आंटी के ऊपर लेट गया। आंटी भी मेरे नीचे लेटी रही और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई।

जब मुझे होश आया तो आंटी फिर से मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं भी तैयार हो गया। फिर हम दोनों बाथरूम में चले गये और एक दूसरे को नहलाते हुए चुदाई की। उस दिन आंटी को मैंने 6 बार चोदा।
दोस्तो, मुझे मेरी इस सच्ची कहानी के बारे में जरूर बताना कि आपको कैसे लगी।


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