आप का हमदर्द,
आप का दोस्त, खास आपके लिए प्रस्तुत करता हूँ, "मजेदार हिंदी कहानी का खजाना"कई दिनों से मै यह सोच रहा था की अपने दोस्तों के लिए कुछ करू. खास एक ही वजह के लियें हवस, इस जवानी की उम्र में कई बेचेनियाँ होती है और इन सब को मिटने के लिए कुछ रास्ते है जिनमे से एक आपके सामने में रख रहा हूँ. हवस मिटा देने वाली कहानियां.
तो आपके लिए मैंने कई सारी मदहोश पूर्ण कहानियां जगह जगह से इकठ्ठा करके यहाँ पे आपके लिए रख रहा हूँ. तो मै चाहता हूँ के आप अपनी पूरी लगन से इन कहानियों को पढ़े और हमारे साथ अपनी कहानिया शेयर करें.
शुक्रियां.
आप का अपना,
rajbr1981
मेरी गरम गरम सालियां
सुमित की शादी हुए 2 साल हो चुके थे . सीमा नाम है उसकी बीबी का . सुमित का गारमेंट बनाने की फैक्ट्री है . उसके कारखाने मे बनाये हुए लेडीज़ नाईटी बहुत पोपुलर है . काफी सेक्सी नाईटी बनाता है . कभी कभी अपनी फैक्ट्री की बनी हुई नाईटी को और काट छांट कर अपनी बीबी सीमा के लिए घर ले कर आ जाता था . सीमा के गोरे और सुंदर बदन पर यह नाईटी काफी सेक्सी लगाती थी . उसके बदन पर नाईटी से ज्यादा उसका बदन झलकता था . सुमित भी चाहता था की सीमा जब रात को रूम मे आए तो उसके मखमली बदन को देखने के लिए ज्यादा तडपना न पड़े . उसकी गोरी चिट्टी चुचिया उसकी नाईटी से झलक पड़ती थी . उसे देखकर सुमित का लंड फन फना जाता था..और लंड उसके बदन से नाईटी के उतरनेका इंतज़ार करता था. सुमित कभी भी कंडोम नही लगाता था और इसीलिये सुहागरात को ही सीमा गर्भवती हो गई थी...उसके बाद उसे मासिक ही नही हुआ.सीमा प्रेगनेंट है और उसकी डिलिवरी का टाइम आ चुका था . सीमा ने अपने पीहर फ़ोन करके अपनी चचेरी बहन रीना को बुलवाया था . रीना अपनी एक और बहन कंचन के साथ अपने जीजी के घर पर आती है . कंचन को पेंटिंग करना पसंद था . वोह अपनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगवाना चाहती थी इसीलिये रीना के साथ मुम्बई चली आई . कंचन एक कुशल डांसर भी थी . कॉलेज के फंक्शन मे जब वोह डान्स करती थी तो कई मनचलों के दिल की धड़कन बढ़ जाया करती थी .रीना जब पिछली बार एक साल पहले जब अपने जीजी के घर आई थी तब सीमा , सुमित और रीना काफी हँसी मज़ाक कर के अपना टाइम पास कर लिया करते थे . रीना अपने जीजा जी के काफी क़रीब हो गई थी . हालांकि उनके शारीरिक सम्बन्ध नहीं बने थे लेकिन अपनी जीजी के सामने सुमित से काफी लिपट चिपट कर रहती थी . आलिंगन और चुम्बन तक ही सम्बन्ध कायम हो पाए थे . और सीमा भी उसे बुरा नही मानती थी .कहती थी की जीजा और साली के बीच मे यह सब चलता है .सीमा , रीना और कंचन आपस मे चचेरी बहने थी . उनकी उम्र मे ज्यादा फरक नही था . तीनो काफी गोरी और सेक्सी बदन की मलिक थी . तीनो मे कौन ज्यादा खूबसूरत है यह कहना काफी मुश्किल था .जब शाम को सुमित घर आया तो उसे बेडरूम से काफी आवाजे और हंसाने की आवाजे सुने दी . वोह समझ गया की रीना आ गई है . उसका मन हिचकोले खाने लगा . क्यों नही आख़िर उसकी सबसे सेक्सी साली जो थी .वैसे भी पिछले तीन महीने से उसके लंड को चूत नही मिली थी और उसे पूरा भरोसा था की इस बार वो रीना की चूत चोद लेगा वोह जैसे ही रूम मे घुसा तो देखता है की उसकी साली एक नही दो -दो सालिया सीमा के साथ बेड पर बैठ कर उसके द्वारा लायी गई नाईटयों को देख रही है . सुमित सीधा रीना के पीछे जाकर उसकी आंखों को अपने हाथों से बंद कर अपने से चिपका लिया ..ऐसे ही उसका लंड भी खड़ा हो रहा था और वो रीना के पीठ पर तुका दिया था उसने पैंट के अन्दर से..रीना कहने लगी , "अरे क्या जीजा जी , बड़ी देर करदी घर आने मे . आपको तो मालूम था की हम लोग आज ही आने वाले है फिर भी देर से आए हो ."सुमित ने पलट -ते हुए जबाब दिया , "सॉरी my डार्लिंग . थोड़ा ऑफिस मे काम आगया था इसलिए लेट हो गई . चलो अब हमे माफ़ कर दो ."और अपने लंड को अभी भी उसके पीठ से चिपकाये रखा..रीना भी थोड़ा पीछे झुक कर उसे और दबा रही थी .लंड झटके मार रहा था.रीना ने सुमित के हाथों को अपने हाथों मे लेते हुए कहा , "चलो जाओ माफ़ किया .
सुमित की शादी हुए 2 साल हो चुके थे . सीमा नाम है उसकी बीबी का . सुमित का गारमेंट बनाने की फैक्ट्री है . उसके कारखाने मे बनाये हुए लेडीज़ नाईटी बहुत पोपुलर है . काफी सेक्सी नाईटी बनाता है . कभी कभी अपनी फैक्ट्री की बनी हुई नाईटी को और काट छांट कर अपनी बीबी सीमा के लिए घर ले कर आ जाता था . सीमा के गोरे और सुंदर बदन पर यह नाईटी काफी सेक्सी लगाती थी . उसके बदन पर नाईटी से ज्यादा उसका बदन झलकता था . सुमित भी चाहता था की सीमा जब रात को रूम मे आए तो उसके मखमली बदन को देखने के लिए ज्यादा तडपना न पड़े . उसकी गोरी चिट्टी चुचिया उसकी नाईटी से झलक पड़ती थी . उसे देखकर सुमित का लंड फन फना जाता था..और लंड उसके बदन से नाईटी के उतरनेका इंतज़ार करता था. सुमित कभी भी कंडोम नही लगाता था और इसीलिये सुहागरात को ही सीमा गर्भवती हो गई थी...उसके बाद उसे मासिक ही नही हुआ.सीमा प्रेगनेंट है और उसकी डिलिवरी का टाइम आ चुका था . सीमा ने अपने पीहर फ़ोन करके अपनी चचेरी बहन रीना को बुलवाया था . रीना अपनी एक और बहन कंचन के साथ अपने जीजी के घर पर आती है . कंचन को पेंटिंग करना पसंद था . वोह अपनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगवाना चाहती थी इसीलिये रीना के साथ मुम्बई चली आई . कंचन एक कुशल डांसर भी थी . कॉलेज के फंक्शन मे जब वोह डान्स करती थी तो कई मनचलों के दिल की धड़कन बढ़ जाया करती थी .रीना जब पिछली बार एक साल पहले जब अपने जीजी के घर आई थी तब सीमा , सुमित और रीना काफी हँसी मज़ाक कर के अपना टाइम पास कर लिया करते थे . रीना अपने जीजा जी के काफी क़रीब हो गई थी . हालांकि उनके शारीरिक सम्बन्ध नहीं बने थे लेकिन अपनी जीजी के सामने सुमित से काफी लिपट चिपट कर रहती थी . आलिंगन और चुम्बन तक ही सम्बन्ध कायम हो पाए थे . और सीमा भी उसे बुरा नही मानती थी .कहती थी की जीजा और साली के बीच मे यह सब चलता है .सीमा , रीना और कंचन आपस मे चचेरी बहने थी . उनकी उम्र मे ज्यादा फरक नही था . तीनो काफी गोरी और सेक्सी बदन की मलिक थी . तीनो मे कौन ज्यादा खूबसूरत है यह कहना काफी मुश्किल था .जब शाम को सुमित घर आया तो उसे बेडरूम से काफी आवाजे और हंसाने की आवाजे सुने दी . वोह समझ गया की रीना आ गई है . उसका मन हिचकोले खाने लगा . क्यों नही आख़िर उसकी सबसे सेक्सी साली जो थी .वैसे भी पिछले तीन महीने से उसके लंड को चूत नही मिली थी और उसे पूरा भरोसा था की इस बार वो रीना की चूत चोद लेगा वोह जैसे ही रूम मे घुसा तो देखता है की उसकी साली एक नही दो -दो सालिया सीमा के साथ बेड पर बैठ कर उसके द्वारा लायी गई नाईटयों को देख रही है . सुमित सीधा रीना के पीछे जाकर उसकी आंखों को अपने हाथों से बंद कर अपने से चिपका लिया ..ऐसे ही उसका लंड भी खड़ा हो रहा था और वो रीना के पीठ पर तुका दिया था उसने पैंट के अन्दर से..रीना कहने लगी , "अरे क्या जीजा जी , बड़ी देर करदी घर आने मे . आपको तो मालूम था की हम लोग आज ही आने वाले है फिर भी देर से आए हो ."सुमित ने पलट -ते हुए जबाब दिया , "सॉरी my डार्लिंग . थोड़ा ऑफिस मे काम आगया था इसलिए लेट हो गई . चलो अब हमे माफ़ कर दो ."और अपने लंड को अभी भी उसके पीठ से चिपकाये रखा..रीना भी थोड़ा पीछे झुक कर उसे और दबा रही थी .लंड झटके मार रहा था.रीना ने सुमित के हाथों को अपने हाथों मे लेते हुए कहा , "चलो जाओ माफ़ किया .
लेकिन आपको भी हमारी जीजी का ध्यान रखना चाहिए . इस हाल मे ज्यादा अकेले नही छोड़ना चाहिए ."तभी कंचन बोल पड़ी , "हम भी है इस महफ़िल मे ."सुमित कंचन की तरफ़ आँख मरते हुए कहा , "अब तुम्हारी जीजी को तो क्या , तुम दोनों को भी अकेले नही छोडूंगा ."फिर सुमित कंचन को थोड़ा खिसका कर वहीँ बेड पर ही अपने लिए जगह बाना कर बोला , "क्या बात है ?नाईटियों की प्रदर्शनी लगा रखी है ."रीना ने एक नाईटी को उठाकर उसके बीच मे से झांकते हुए बोली ," नही जीजा जी . हम सब तो यह देख रहे थे की इन नाईटियों को पहनने के बाद बदन पर नाईटी दीखती है या हमारा बदन ."कंचन आंख मारते हुए बोली , "जीजा जी बड़ी सेक्सी नाईटी डिज़ाइन करते हो . पुरा बदन उघाड़ कर रख देती है यह नाइटिया ."सुमित भी हाजिर -जवाब था . तुरंत बोल पड़ा , "जाओ इन्हे पहनकर आओ . हम भी जरा देखें की हमारी नाईटी ज्यादा सेक्सी है या तुम्हारा बदन ."इसी तरह उनके बीच हँसी मज़ाक चल रहा था . तभी एक जोक्स के बीच सीमा को ज्यादा ही हँसी छुट गई . ज्यादा हंसने से उसके दरद उठाने लगा . सो फोरुं सीमा को ले कर वोह तीनो हॉस्पिटल रवाना हो गए . और आधे घंटे के बाद नर्स ने एक लड़के के जनम लेने की बधाई उनको दी . सुमित , रीना और कंचन तीनो ही लड़के के जनम पर काफी खुश हुए . और एक दुसरे को बधाईयाँ दी . फिर Dr. की इज़ाज़त ले कर अन्दर जा कर सीमा को भी बधाई दी . रात को रुकने के नाम पर पहले तो Dr. ने साफ मना कर दिया पर ज्यादा जोर देने पर Dr. ने कहा , "चलो आज रात तो एक जन रुक सकता है लेकिन कल किसी को रुकने की इज़ाज़त नही दूँगी . आख़िर हमारी नर्सें है जच्चा और बच्चा की देखभाल के लिए ."एक रात के लिए हाँ भरने पर रीना ने वहीँ रुकने का इरादा बताया..असाल मे उसे लगा की कंचन उसे रुकने नही देगी और ख़ुद रुकेगी..वो जीजा जी के साथ घर जायेगी..और फ़िर जीजा जी ने उस दिन जो लंड उसकी पीठ मे लगाया था उसे आज अपने मुह मे और चूत मे लेगी...लेकिन कंचन ने कुछ नही कहा..इसलिए रीना को ही रुकना पड़ा . सुमित रीना को वहीँ रुकते देख थोड़ा मायूस हुवा क्योंकि वोह आज रात रीना के साथ सेलेब्राते करने का प्लान बना रहा था . लेकिन कुछ न कहकर कंचन को लेकर वापस घर की तरफ़ चल पड़ा . घर के नीचे कंचन को छोड़ उस -से कहा की मई आधे घंटे मे आता हूँ .सुमित आधे घंटे बाद एक व्हिस्की की बोतल और एक शेम्पन की बोतल ले कर घर पर आ गया . डुप्लिकेट चाबी से दरवाज़ा खोल कंचन को आवाज दी . कंचन उस समय बाथरूम मे थी . बाथरूम से वापस जवाब दिया , "जीजा जी बाथरूम मे नहा रही हूँ . पंद्रह -बीस मिनट मे आती हूँ ."सुमित कंचन को बाथरूम मे देख हॉल मे व्हिस्की की बोतल बर्फ और ग्लास लेकर सोफा पर ही पसर गया . साथ ही VCD प्लेयर चालू कर इरोटिक डान्स की एक CD चालू कर दी . CD मे इंग्लिश धुन के साथ कई लडकिया आधी से ज्यादा नंगी हो कर नाच रही थी . सुमित भी इंग्लिश धुन के साथ बैठा बैठा झूम रहा था . उसकी भूखी आंखें उन गोरी लड़कियों के बदन पर जमी हुयी थी . उन नाचती गोरी हसीनो के मम्मे उनके कपड़े से बाहर आने को बैचेन थे . अपनी गोरी -गोरी झंघें फैला कर अपनी छुपी हुयी चूत का इजहार कर रही थी . सुमित की आँखें उनकी जांघों के बीच चिपकी हुयी थी . उसका भूखा लंड भी उनको नंगा देख बैचेनी से अन्दर ही अन्दर मचल रहा था . बूखा तो होना ही था कारन की Dr. ने सीमा के साथ सोने से फिछले तीन महीने से ना कर रखा था जो .जब तक कंचन बाथरूम से आई तब तक सुमित दो पैग चढ़ चुका था . उसके आँखों मे व्हिस्की का सुरूर चढ़ाने लग गया था . कंचन ने अपनी जीजी सीमा की एक नाईटी निकल कर पहन ली . जब कांच से अपने बदन को देखा तो कुछ झेम्प सी गई . बदन पर नाईटी तो थी फिर भी पुरा बदन साफ दिखाई दे रहा था .
आप पढ़ रहे है मेरी गरम गरम सालियां
कांच मे अपने बदन को गौर से देखने लगी . अपने दोनों हाथों से अपने चुन्चियों को सहलाने लगी और अपनी निपल को चुटकी में भर कर दबाने लगी . रूम मे बैठकर चारो जब हँसी मज़ाक कर रहे थे तभी से ही उसकी चूत मे खलबली मची हुई थी . नॉन -वेग . जोक्स से पुरे बदन मे स्त्री और पुरूष के सम्बन्ध की विवेचना चल रही थी . साथ मे जीजा जी का बारबार उसके गालों पर चुम्बन उसको वासना की आग मे जला रहा था . मन ही मन जीजा जी के पसंद के दाद देने लगी . फिर भी उसने उसके ऊपर एक झीना गाऊन और पहन लिया .सुमित ने कहा कुछ नही . आओ बैठो . कंचन वहीँ खड़ी खड़ी बोली , "अकेले ही पियोगे या हमे भी कुछ चखने दोगे ."सुमित ने अपनी ग्लास को कंचन के चहरे के नजदीक ला कर उसके मदमस्त होंठों से लगा दिया . कंचन एक साँस मे ग्लास मे जितना था (आधे पैग से भी ज्यादा ) गटक लिया और लगी खांसने . अपना मुहं बिगाड़ते हुए बोली , "उफ़ , कैसी कड़वी है यह शराब ."सुमित हंसने लगा . फिर कंचन को अपने क़रीब खींच कर उसके होंठों पर पड़ी शराब की कुछ बूंदों को चाट लिया और बोला , "हमे तो कड़वी नही लगाती . लगता है पहली बार टेस्ट कर रही हो ."कंचन की उखड़ी साँस थोड़ी शांत हुयी तब बोली , "हा , पहली बार पी रही हूँ . इससे पहले एक दो बार बियर जरूर पी है ." फिर TV पर डान्स देखने लगी . सुमित ने भी कंचन को अपने पास सोफा पर बैठाकर एक -दो घूंट और पिला दिया . नशा जब हल्का हल्का चढ़ाने लगा तो कंचन बोली , "क्या ऐसा डान्स देख रहे हो . इससे अच्छा तो मे नाच सकती हूँ ."सुमित ने पहले सोचा की सायद नशा होने की वजह से वोह बोल रही होगी . लेकिन दूसरी बार कहने पर उसने TV बंद कर दिया और बोला , "तो दिखाओ मेरी जान . हम भी देखें तुम कितना अच्छा नाच सकती हो ."चल्लेंज मान कर कंचन ने एक ऑडियो CD लगा कर नाचना चालू कर दिया . ऑडियो CD रीमिक्स सोंग्स की थी . और पहला गाना ही "कांटा लगा " था . कंचन कांटा लगा की धुन पर नाचने लगी . इसी बीच जो झीना गाऊन पहने हुए थी उसे निकाल कर सुमित की और उछाल फेंका . सुमित की साँसे ये सुब देख कर भारी हो उठी . उसके पुरे शरीर मे वासना की लहरे हिलोरे मार रही थी . लंड उत्तेजना से पागल हो रहा था . पुरे बदन मे लहू सन -सन -सन करके दौड़ रहा था .
कांच मे अपने बदन को गौर से देखने लगी . अपने दोनों हाथों से अपने चुन्चियों को सहलाने लगी और अपनी निपल को चुटकी में भर कर दबाने लगी . रूम मे बैठकर चारो जब हँसी मज़ाक कर रहे थे तभी से ही उसकी चूत मे खलबली मची हुई थी . नॉन -वेग . जोक्स से पुरे बदन मे स्त्री और पुरूष के सम्बन्ध की विवेचना चल रही थी . साथ मे जीजा जी का बारबार उसके गालों पर चुम्बन उसको वासना की आग मे जला रहा था . मन ही मन जीजा जी के पसंद के दाद देने लगी . फिर भी उसने उसके ऊपर एक झीना गाऊन और पहन लिया .सुमित ने कहा कुछ नही . आओ बैठो . कंचन वहीँ खड़ी खड़ी बोली , "अकेले ही पियोगे या हमे भी कुछ चखने दोगे ."सुमित ने अपनी ग्लास को कंचन के चहरे के नजदीक ला कर उसके मदमस्त होंठों से लगा दिया . कंचन एक साँस मे ग्लास मे जितना था (आधे पैग से भी ज्यादा ) गटक लिया और लगी खांसने . अपना मुहं बिगाड़ते हुए बोली , "उफ़ , कैसी कड़वी है यह शराब ."सुमित हंसने लगा . फिर कंचन को अपने क़रीब खींच कर उसके होंठों पर पड़ी शराब की कुछ बूंदों को चाट लिया और बोला , "हमे तो कड़वी नही लगाती . लगता है पहली बार टेस्ट कर रही हो ."कंचन की उखड़ी साँस थोड़ी शांत हुयी तब बोली , "हा , पहली बार पी रही हूँ . इससे पहले एक दो बार बियर जरूर पी है ." फिर TV पर डान्स देखने लगी . सुमित ने भी कंचन को अपने पास सोफा पर बैठाकर एक -दो घूंट और पिला दिया . नशा जब हल्का हल्का चढ़ाने लगा तो कंचन बोली , "क्या ऐसा डान्स देख रहे हो . इससे अच्छा तो मे नाच सकती हूँ ."सुमित ने पहले सोचा की सायद नशा होने की वजह से वोह बोल रही होगी . लेकिन दूसरी बार कहने पर उसने TV बंद कर दिया और बोला , "तो दिखाओ मेरी जान . हम भी देखें तुम कितना अच्छा नाच सकती हो ."चल्लेंज मान कर कंचन ने एक ऑडियो CD लगा कर नाचना चालू कर दिया . ऑडियो CD रीमिक्स सोंग्स की थी . और पहला गाना ही "कांटा लगा " था . कंचन कांटा लगा की धुन पर नाचने लगी . इसी बीच जो झीना गाऊन पहने हुए थी उसे निकाल कर सुमित की और उछाल फेंका . सुमित की साँसे ये सुब देख कर भारी हो उठी . उसके पुरे शरीर मे वासना की लहरे हिलोरे मार रही थी . लंड उत्तेजना से पागल हो रहा था . पुरे बदन मे लहू सन -सन -सन करके दौड़ रहा था .
आप पढ़ रहे है मेरी गरम गरम सालियां
अपने लंड को किसी तरह से उसने दबा रखा था..कंचन का बदन कहीँ से भी स्थिर नही था . उसका जलवा अपने पुरे उफान पर था . कभी नजदीक आकर तो कभी दूर से ही सुमित को अपने बदन की नुमाइश कर के उकसा रही थी . शराब और शबाब अपने पुरी रवानी पर था . पूरे हॉल मे जोर जोर से उठ बैठ रही सांसे म्यूजिक से ताल से ताल मिला रही थी . कंचन धून के साथ अपनी ताल मेल बैठा कर सुमित को बेकाबू करने मे लगी थी . सुमित भी बेकाबू हो कर अपने सूख रहे होंठों पर जीभ बार बार सहला रहा था . कंचन की भरी भरी छातियां उछल उछल कर सुमित को आमंत्रण दे रही थी की आओ मुझे दबोच लो . उसकी मस्त जंघे हठी की सूंड की तरह झूम रही थी . कभी फैला कर तो कभी सिकोड़ कर अपनी चूत को दिखा और छुपा रही थी . पीछे घूम कर अपने चूतड मटका मटका कर नाच कर सुमित के लंड को उसने शायद एक इंच ज्यादा लंबा कर दिया और मोती की तो बात ही क्या थी.वह बेकाबू हो चुका था..तभी सुमित सोफे से उठकर कंचन के पास जा ही रहा था की कंचन ने उसको वापस धकेल कर सोफे पर वापस बैठा दिया और अपने चूतड को उसकी गोद पर रख कर उसके लंड को रगड़ने लगी .लंड इस रगड़ाई से एकदम बौखला गया . सुमित के बदन का सारा लहू मनो इस वक्त उसके लौडे मे समाया हुआ था . उसने अपने दोनों हाथों से कंचन के कबूतरों को जकड लिया . भारी -भारी दोनों उरोज सुमित के हाथों मे भी नही समां रहे थे . चिकनी नाईटी की वजह से दोनों कबूतरों पर से उसके हाथ फिसल रहे थे . कंचन के कबूतर शिकारी को इतना नजदीक देख कर फड़फडाने लगे . वोह अपने सीने को अपने कंधे पीछे की और करके आगे तान रही थी . जिससे उसके भरपूर मस्त उरोज और आगे आकर इस समा को और रंगीन बना रहे थे . सुमित ने पागल होते हुए उसकी नाईटी को उरोजो के सामने से पकड़ कर फाड़ दिया और उसके चुंचियों को को अपने हाथो मे लेकर तौलने लगा . फिर उसके दोनों घुन्डियों को अंगुली के बीच मे लेकर जोर से मसल दिया .हॉल मे पहुँची तो उसकी आग और बढ़ गई . TV मे मादक धुन के साथ नाच रही इंग्लिश मेमो को अपने बदन पर से बचे खुचे कपडे उतार कर फेंकते हुए देख उसके दिल की धड़कन और बढ़ गई . ख़ुद एक अच्छी डांसर तो वोह थी ही . पीछे से आकर अपना चेहरा जीजा जी के गाल से चिपका कर बोली , "बोलो क्या बोल रहे थे ."कंचन के मुँह से सिस्कारी निकल गई . "उई.ई.ई.ई.i माँ आ.अ.अ.आ....स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्. धीरे से ."सुमित अब आराम से उसकी चुचियो को सहलाने लगा .
अपने लंड को किसी तरह से उसने दबा रखा था..कंचन का बदन कहीँ से भी स्थिर नही था . उसका जलवा अपने पुरे उफान पर था . कभी नजदीक आकर तो कभी दूर से ही सुमित को अपने बदन की नुमाइश कर के उकसा रही थी . शराब और शबाब अपने पुरी रवानी पर था . पूरे हॉल मे जोर जोर से उठ बैठ रही सांसे म्यूजिक से ताल से ताल मिला रही थी . कंचन धून के साथ अपनी ताल मेल बैठा कर सुमित को बेकाबू करने मे लगी थी . सुमित भी बेकाबू हो कर अपने सूख रहे होंठों पर जीभ बार बार सहला रहा था . कंचन की भरी भरी छातियां उछल उछल कर सुमित को आमंत्रण दे रही थी की आओ मुझे दबोच लो . उसकी मस्त जंघे हठी की सूंड की तरह झूम रही थी . कभी फैला कर तो कभी सिकोड़ कर अपनी चूत को दिखा और छुपा रही थी . पीछे घूम कर अपने चूतड मटका मटका कर नाच कर सुमित के लंड को उसने शायद एक इंच ज्यादा लंबा कर दिया और मोती की तो बात ही क्या थी.वह बेकाबू हो चुका था..तभी सुमित सोफे से उठकर कंचन के पास जा ही रहा था की कंचन ने उसको वापस धकेल कर सोफे पर वापस बैठा दिया और अपने चूतड को उसकी गोद पर रख कर उसके लंड को रगड़ने लगी .लंड इस रगड़ाई से एकदम बौखला गया . सुमित के बदन का सारा लहू मनो इस वक्त उसके लौडे मे समाया हुआ था . उसने अपने दोनों हाथों से कंचन के कबूतरों को जकड लिया . भारी -भारी दोनों उरोज सुमित के हाथों मे भी नही समां रहे थे . चिकनी नाईटी की वजह से दोनों कबूतरों पर से उसके हाथ फिसल रहे थे . कंचन के कबूतर शिकारी को इतना नजदीक देख कर फड़फडाने लगे . वोह अपने सीने को अपने कंधे पीछे की और करके आगे तान रही थी . जिससे उसके भरपूर मस्त उरोज और आगे आकर इस समा को और रंगीन बना रहे थे . सुमित ने पागल होते हुए उसकी नाईटी को उरोजो के सामने से पकड़ कर फाड़ दिया और उसके चुंचियों को को अपने हाथो मे लेकर तौलने लगा . फिर उसके दोनों घुन्डियों को अंगुली के बीच मे लेकर जोर से मसल दिया .हॉल मे पहुँची तो उसकी आग और बढ़ गई . TV मे मादक धुन के साथ नाच रही इंग्लिश मेमो को अपने बदन पर से बचे खुचे कपडे उतार कर फेंकते हुए देख उसके दिल की धड़कन और बढ़ गई . ख़ुद एक अच्छी डांसर तो वोह थी ही . पीछे से आकर अपना चेहरा जीजा जी के गाल से चिपका कर बोली , "बोलो क्या बोल रहे थे ."कंचन के मुँह से सिस्कारी निकल गई . "उई.ई.ई.ई.i माँ आ.अ.अ.आ....स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्. धीरे से ."सुमित अब आराम से उसकी चुचियो को सहलाने लगा .
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आप पढ़ रहे है मेरी गरम गरम सालियां
कंचन अपने चूतड की रगड़ाई चालू रखी थी . सुमित के लंड को काफी दिनों बाद चूत की महक मिल रही थी . फिर यह तो साली की चूत . नशा शराब के साथ शबाब का डबल हो रहा था . उसके नशीले बदन को अपनी बाँहों मे समेट कर इस रगड़ाई को रोक कर अपनी अनियंत्रित हो रही सांसों को समेटने मे लगा . कंचन के शरीर को सामने कर उसके रसीले होंठों को चूमने लगा . उसके होंठों के रस को पीकर वोह और मतवाला हो गया . कंचन के गुलाब की पंखुड़ियों जैसे नाजुक होंठों को अपने होंठों से दबाने लगा . अपनी जीभ को कंचन की जीभ से टकरा रहा था . दोनों की जीभें पेंच लड़ा रही थी और हाथ उसके दोनों कबूतरों को अपने मे समाते हुए धीरे धीरे मसल रहे थे और कंचन के मुह से आह्ह..ओह्ह..उफ़..स्.स्.स्.स्.स्...जीजा जी ..आई..ल व ..यु...ओओओह..जैसी मादक सिस्कारी निकल रही थी.सुमित होठों से अपने होठों को छुड़ा कर अपनी जीभ को कंचन के चुंचियों की तरफ़ ले आया . "उफ़ क्या क़यामत है ," ऐसे कहते हुए अपनी जीभ से उसकी गुलाबी चूचियों को चाटने लगा . अपनी साली की चुचिया अपनी इतनी नजदीक देख सुमित और पागल होने लगा . उसके होंठों को अमृत का स्वाद मिल रहा था . अपनी गीली जीभ से उप्पेर से नीचे और नीचे से उप्पेर उसके स्तनों और घुन्डियों को चाटने में लग गया . कभी कभी गोल गोल जीभ फिराने लगा..घुन्ड़ियां सख्त होने लगी और उसके ठोस स्तन पर से उसकी जीभ बार बार फिसलने लगी. फिर अपनी अन्गूलियो से निपल को पकड़ लिया और लगा मसलने कंचन के सिस्करियो की आवाजे तेज होने लगी..आह्ह्ह.. उफ़..श श श .स्..स्...स्..ई..ईई.ई.इईई...जीजा जी ...और करो..अच्छा..लग..रहा..है...ऊह्ह माँ..कंचन के मुह से सिस्कारी निकल रही थी . उसके दोनों उरोज भरी हो चुके थे . उसकी सांसे जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी . "और जोर जोर से मेरी चूची .. को.. मसलों.,. बहुत.. मज़ा.. आ. .रहा.. है... तुम्हारे.. हाथ... मे.. जादू. ..है.... इधर... तुम... मेरी.. चूची.. को.. दबा.. रहे.. हो. और.... उधर... मेरी चूत पानी छोड़ रही है ," कंचन बेकाबू हो कर बड़बडाने लगी और वो सुमित के लंड के ऊपर कसमसाने लगी थी..दोनों निपल कड़क हो कर सुमित के मुह मे जाने को उतावले थे . फिर बेकाबू हो कर चीख पड़ी , "Suck it. Take it in your mouth. मेरे निपल को अपने होंठों से दबाव ."सुमित ने भी अपने होंठों के बीच उसके निपल को दबा के चूसना शुरू किया कंचन ने उसका सर अपने चुंचियों पर जोर से दबाया और उफ्फ्फ्फ़....हाँ..जीजा जी ..ऐसे..हीई..ऐसे ही चुसो ओ ओ..उसने अपनी चूचियों को उसके मुँह मे ठूंस दिया ..."येस ... येस... जीजा जी .... ऐसे ही चुसो ....देखो मेरे निपल्स की खुजली मिटा दो ," कंचन अपनी चाहत छुपा नही पायी . "उउउफ्फ्फ़ ... आ ... ह्ह्ह ... आ आ . .. ह .ह.ह.ह.ह. प्लीज़ थोड़ा धीरे ... काटो ...ना ... ऊ ..उ उ ई ई और जोर से चूसो मेरे चुंचियों को ."दोनों निपल्स को बारी -बारी से अपने मुह मे लेकर चूसने के बाद सुमित खड़ा होकर कंचन को अपनी बाँहों मे लेकर उसके पुरे बदन को जकड लिया . ऐसा कस कर आलिंगन किया की कंचन के मुह से चीख निकल पड़ी . कंचन का बदन सुमित की बाँहों में समा गया . सुमित उसके जिस्म को अपनी बाँहों में लेकर दबाने लगा . उसके बदन को अपने बदन से रगड़ने लगा . अपने गालों से कंचन के चिकने गालों को , अपने मजबूत सीने से उसके कड़क कबूतरों को , अपने लंड से उसकी छुपी हुयी चूत को और अपनी जांघों से उसकी चिकनी जांघों को रगड़ कर दोनों एक -दुसरे की बाँहों में झुमने लगे ."जब तुम्हारी चुन्ची इतनी खूबसूरत है तो चूत तो और भी खूबसूरत होगी ," कहकर सुमित उसके बदन पर लिपटी नाईटी के बाकी हिस्से को भी फाड़ने लगा .लेकिन कंचन उसको रोकते हुए कहा , "उफ्फ्फ ... इतने बेकाबू क्यों हो रहे हो . पहले मुझे अपना झुन झुना तो दिखाओ . मुझे भी उससे खेलना है ."सुमित बेकाबू था लेकिन कंचन वापस बोल पड़ी , "तुम अपना लंड मुझे दिखाओ मै तुम्हे अपनी चूत दिखा दूंगी ."कंचन ने अपने हाथ को बढ़ाकर सुमित की पैंट टटोलने मे लग गई . उसे अपना खिलौना चाहिए था . उसका खिलौना भूखे शेर की तरह अपने पिंजडे मे उछल कूद मचा रहा था . कंचन का हाथ उस पिंजडे की तरफ़ बढ़ कर उसके पहले ताले यानि पैंट की चैन को खोल दिया . सुमित ने उसके दोनों कबूतरों को सहलाते हुए अपनी पैंट को नीचे की और खिसका दिया ताकी लंड को बाहर निकालने मे ज्यादा परेशानी ना हो
फिर कंचन घुटने के बल बैठकर अंडसुमित यर की कैद मे बैठे उस भूखे शेर की दहाड़ सुनने लग गई . उसका फूला हुआ लंड अंडसुमित यर मे मचल रहा था . अंडसुमित यर तम्बू बन चुका था . कंचन ने अपने हाथो से उसको पुचकार कर शांत करने की कोशिश की . जब लंड ज्यादा ही मचलने लगा तो अपने होंठों से सुमित के लौडे को अंडसुमित यर के साथ ही दबा लिया . अब बारी थी सुमित के सिस्कारने की . तीन महीने मे Dr. के ना करने के कारण वोह अपनी बीबी , सीमा , को चोद नही पाया था लेकिन यदा -कदा सीमा अपने हाथ से सुमित के लंड को मसल जरूर देती थी .कंचन उसके लंड को अंडसुमित यर के ऊपर से चाटने लगी और बोल उठी.."जीजा जी ..क्या मस्त खिलौना है..कितना लंबा और मोटा...मेरी चूत को फाड़ डालोगे आज..लगता है..कुंवारी साली की चूत है..जरा प्यार से करना प्लीज़.."लंड फूल कर एक दम भड़क उठा "कुंवारी चूत छोड़ने के ख़्याल से ही सुमित जोश मे आ गया.. तभी कंचन ने झटके से अंडसुमित यर खींच कर नीचे खिसका दिया . सुमित का लंड एक दम तन कर कंचन के मुह के सामने नाचने लगा . "उफ़ ... क्या मोटा लंड है तुम्हारा जीजा जी ," कह कर अपने हाथों मे समेट लिया कंचन ने .लेकिन लंड पुरा का पुरा हाथों मे आया कहाँ था . मोटे के साथ साथ पुरा 8 " का लंड था सुमित का ..लंड का सुपाडा भुक्कड़ की तरह कंचन का चेहरा देख रहा था . कंचन ने लंड को अपने हाथों मे लेकर उसकी चमडी को ऊपर -नीचे करने लगी . "सच मुच तुम्हारा लंड तो बहुत लंबा और मोटा है ," कंचन के मुह से निकल पड़ा . सुमित से अब रहा नही जा रहा था .कंचन ने अपनी जीभ निकाल कर लंड के सुपाडे को धीरे -धीरे चाटने लगी . सुमित का लंड उचक -उचक कर उछल रहा था . तोधी देर तक कंचन उसके सुपाडे को ही चाट रही थी . सुमित और ज्यादा बेकाबू होने लगा . उससे रहा नही जा रहा था . वोह कांपते हुए स्वर मे बोला , "अरीए , मेरी साली , अब तो "सताना " बंद करो . मेरे लंड को चूसोलेकिन कंचन ने सुपाडे को चाटना नही छोड़ा . वोह सुमित को और भड़काना चाहती थी . सच तो ये था की सुमित का सोलोना लंड उसे भा गया था..और उसे आज अपनी सील अपने जीजा से ही तुड्वाना था..और उसे मालूम था की मर्द जब ज्यादा भड़कता है तो औरत की चुदाई भी उतनी ही ज्यादा और अच्छे से करता है.. कंचन अपनी चूत की चुदवाई बहुत जोर से करवाना चाहती थी अभी तक उसके बॉय फ्रेंड ने ऊपर ऊपर से सब किया था क्युकी कभी पूरी चुदाई का मौका ही नही मिलता था..वो कसार आज पूरी करनी थी..पर यहाँ तो सुमित का लंड भड़कता ही जा रहा था . उसने कंचन को कहा , "साली मादरचोद , चूस मेरे लंड को . पुरा का पुरा खा जा मेरे लंड को . साली यह लंड तीन महीने से तरस रहा है और तुझे सताने की पड़ी है . अगर नही चूसती तो मे तेरी चूत को ऐसा चोदुन्गा की तू भी जिन्दंगी भर याद रखेगी ."कंचन का मकसद पुरा हो गया . वोह सुमित को ऐसे ही भड़काना चाहती थी . तभी सुमित ने उसके बाल पकड़ कर अपना पुरा 8 इन्ची लंड उसके मुह मे गप से डाल दिया . "ले छिनाल चूस मेरे लंड को . बहुत ज्यादा मटक रही थी ना . अब चूस मेरे लंड को ."सुमित का लंड 6 इंच तक ही कंचन के मुह मे घुस पाया . बाकी दो इंच बाहर ही रहा . उसके लंड का किनारा उसके मुह की आखिरी दीवार को छू गया था . कंचन को साँस लेने मे तकलीफ होने लगी थी . उसने सुमित के लंड को पुरा बाहर निकाल कर कहा , "जीजा जी , मार ही डालोगे क्या . थोड़ा सब्र करो . चूसती हु तुम्हारे मूसल को ."फिर कंचन ने लंड को हाथ से पकड़ कर जो चूसाई की सुमित तो पागल हो गया . उसे लगा अगर मेने अपने लंड को बाहर नही निकला तो मेरी पिचकारी अभी छूट जायेगी . उसने अपना लंड बाहर निकल कर कंचन को खड़ी कर अपनी बाँहों मे उठा लिया और उसके होंठों को चूमते हुए अपने बेडरूम की और चल पड़ा . बेडरूम मे बेड पर कंचन को सुलाते हुए उसकी नाईटी के बाकी कपड़े को फाड़ते हुए उसकी जांघों को चाटने लगा . कंचन की गुदाज़ जांघे मखमल की तरह नरम और दूध जैसी गोरी थी . सुमित उन जांघों को चूसते हुए अपने हाथो को उसकी झाँटो को सहलाने लगा . क्या रानी तुम अपनी झाँटे साफ नही करती..लेकिन मुझे पसंद है कुंवारी चूत पर नरम झाँटे ..उफ़ क्या नरम नरम झाँटे थी . सुमित तो झाँटो मसलते हुए उसकी उठी हुई बुर (चूत ) को देख पागल हो गया .एक दम गीली लेकिन गुलाबी.. अपनी उंगली को धस से उसकी कोमल अनचुदी चूत मे धकेल दिया बोहोत टाईट चूत थी..इतनी गीली होने के बाद भी थोड़ी सी ऊँगली अन्दर घुसी..और ... कंचन के मुह से निकल पड़ा , "ऊईई माँ..आह्ह..दर्द होता है जीजा जी .. . धीरे से ."सुमित उसकी जांघों को छोड़ उसकी चूत के आस -पास अपनी जीभ से चाट रहा था और अपनी एक उंगली को उसकी चूत मे डाल कर अन्दर बाहर करने लगा वो उसके कुंवारी चूत को थोड़ा अभ्यस्त कर रहा था और चूत की उंगली -चुदाई कर रहा था . थोड़ी देर मे ही कंचन बोल पड़ी , "हाय ! क्यों टाइम बर्बाद कर रहे हो ? मेरे चूत को उंगली नहीं चाहिए . अभी तुम इसको अपने जीभ से छोड़ो . बाद मे उसको अपने लंड से फाड़ दो . वोह तुम्हारे लंड को खाने के लिए तरस रही है ."तभी सुमित ने अपनी उंगली निकाल कर उसकी जगह अपनी जीभ को लगा दिया . उसके दाने को चूस कर अपनी जीभ को उसकी चूत की गहराई मे उतार दिया . कंचन मादक स्वर मे कहने लगी , ""हाय ! क्या चीज बनाईं हाय भगवान ने , चुसो चुसो , और जोर से चुसो मेरी चूत को . और अन्दर तक अपनी जीभ घुसेडो लेकिन कुंवारी चूत मे कितनी जीभ घुसेगी... हाय ! ऊपर मेरी चूत के दाने को भी चाटो . बहुत मज़ा आ रहा हाय ."सुमित ने उसकी चूत चूस चूस कर उसकी हालत ख़राब कर दी . कंचन बैठ कर अपनी चूत को देख रही थी और मुह से सी सी ..ही..उफ्फ्फ..जीजा जी ..आह्ह..स्...स्...स्...कर रही थी ..इधर सुमित के मुह पर धक्के लगाने लगी . साथ ही बड़ -बड़ा रही थी ,"येस डार्लिंग , चूसो मेरे रजा , चूत को चूसो , अपनी जीभ को मेरी चूत के अन्दर तक चूसो . येस बड़ा मजा आ रहा हाय जीजा जी . येस , येस , चूसते जाओ . मेरे दाने को भी चूसो . आह्ह्ह .., येस , चूसो.... लो.. मेरी.. चूत. का.. पानी. निकल रहा हाय . आह्ह्ह , ऊह्ह ह , चूसो बहुत दिनों बाद मेरी चूओत का पानी निकलेगा . चूसते ऐ ऐ र...हो..., येस , येस , येस , ओह , oh, क्या जीभ से .. चोद.. रहे. हो.. लगता.. हाय... यह.. जीभ... नही..., तुम्हारा...ल ण्ड..ह है . आआह्ह ह्ह्ह, और छोसो .., अहह हह , मेरा पा ...नि ... निकल रहा है . ओह्ह hh येस स् स , मेरा पानी निकल गया आ आ आ आ आ ......"और कंचन ढीली पड़ गई.लेकिन सुमित ने उसकी चूत को छोड़ा नही . वोह बहुत देर तक चूसता रहा जब तक उसकी जीभ नही थक i गई . कंचन की चूत की खाज और ज्यादा बढ़ गई . लेकिन अब वोह अपनी चूत को चत्वा कर नही बल्कि असली खेल कर अपनी प्यास बुझ्वाना चाहती थी . उसने अपने हाथ बढ़ा कर सुमित के लंड को अपने हाथ मे लेकर आगे पीछे करने लगी . जब लंड एकदम मूसल हो गया तो अपनी चूत को उसके मुह से हाथ कर उसके लंड पर बैठ गई सुमित भी चौंक गया..एक कुंवारी लड़की उसके मोटे और लंबे लंड को अन्दर लेने के लिए कितनी तड़प रही थी... सुमित के लंड को और क्या चाहिए . उसका लंड तो चूत का प्यासा था . चूत को देख कर लंड अपनी जगह पर ही उछल -कूद मचाने लगा . सुमित ने अपने हाथ बढ़ा कर अपने लंड के सुपाडे को कंचन की चूत के मुह पर रख दिया उसकी चूत इतनी गीली थी की जूस टपक रहा था इसलिए कुछ लगाने की जरुरत ही नही थी... कंचन ने ऊपर से बैठे बैठे अपनी चूत को थोड़ा धक्का दिया तो वो सम्हाल नही पायी और नीचे से सुमित ने धक्का दिया भस.स्.स्.स्.स् की आवाज़ के साथ चूत की सील तोड़ कर लंड अन्दर और कंचन के मुह से आह्ह्ह..आः...मर गयी.ई.ई.i.ई.ई.ई.ई.ई..ई निकला..जीजा जी ..फट गई...ई.ई.ई.ई.ई.इमेरी चूत.. सुमित का लंड फर्र र र र करके उसकी चूत मे जा कर फंस गया . इसी के साथ कंचन के मुह से फ़िर से चीख निकल पड़ी . यह चीख दर्द भरी भी थी और साथ ही आनंद से भरी भी थी ..सुमित के लंड से बहकर खून नीचे चादर पर टपक रहा था...इसी बेड पर उसने रीना की भी सील तोडी थी अआज वो रीना की सील तोडना चाहता था..लेकिन कंचन मिल गई..थोड़ी देर के बाद कंचन सुमित के ऊपर बैठ कर अपनी चूत की खाज मिटने लग गई . अपनी चूत की जकड मे लंड को ले कर उछल -कूद मचने लगी . साथ ही उसके मुह से सिस्कारियां निकल रही थी . सुमित अपने हाथो से उसके चुन्ची पकड़ कर सहला रहा था . कंचन उसकी छाती पर हाथ रख कर अपनी चूत ख़ुद ही चुद्वा रही थी . आनंद से मदहोश हो कर चुद्वा रही थी . स्पीड धीरे -धीरे बढ़ कर अपनी चरम सीमा पर चली गई . फुल फास्ट स्पीड मे चुदवाने से कंचन की सिस्कारी बड़बड़ाहट मे बदलने लगी ."येस .. येस .. क्या मजा आ रहा है .. येस .. येस .. आज पहली बार चूत को मजा मिल रहा है .. ओह्ह .. क्या जन्नत का मजा मिल रहा है .. उफ्फ्फ .. जीजा जी तुम्हारा लंड लाखों मे एक है एक दम लोहे के जैसा सख्त है ... उफ़ ... मेरी चूत ... ह आ ई ... मैं .... आह्ह्ह ... मेरी चूत का पानी निकलने वाला है .. ओह्ह्ह ... क्या हो रहा है मुझे ... हाय ... मेरी चूत ... उफ्फ्फ्फ़ ... मेरा पानी निकला ... येस .. मेरा पानी निकला ... येस ... ऊईई ... येस ... मेरा पानी निकल गया ..." ऐसा कह कर कंचन उसकी छाती पर गिर कर लम्बी -लम्बी साँसे छोड़ने लगी . चूत का पानी निकलते हुए वोह अब हलके हलके धक्के मर कर एकदम से निढाल हो गई .लेकिन सुमित ने उसकी चूत को छोड़ा नही . वोह बहुत देर तक चूसता रहा जब तक उसकी जीभ नही थक i गई . कंचन की चूत की खाज और ज्यादा बढ़ गई . लेकिन अब वोह अपनी चूत को चटवा कर नही बल्कि असली खेल कर अपनी प्यास बुझ्वाना चाहती थी . उसने अपने हाथ बढ़ा कर सुमित के लंड को अपने हाथ मे लेकर आगे पीछे करने लगी . जब लंड एकदम मूसल हो गया तो अपनी चूत को उसके मुह से हाथ कर उसके लंड पर बैठ गई सुमित भी चौंक गया..एक कुंवारी लड़की उसके मोटे और लंबे लंड को अन्दर लेने के लिए कितनी तड़प रही थी... सुमित के लंड को और क्या चाहिए . उसका लंड तो चूत का प्यासा था . चूत को देख कर लंड अपनी जगह पर ही उछल -कूद मचाने लगा . सुमित ने अपने हाथ बढ़ा कर अपने लंड के सुपाडे को कंचन की चूत के मुह पर रख दिया उसकी चूत इतनी गीली थी की जूस टपक रहा था इसलिए कुछ लगाने की जरुरत ही नही थी... कंचन ने ऊपर से बैठे बैठे अपनी चूत को थोड़ा धक्का दिया तो वो सम्हाल नही पायी और नीचे से सुमित ने धक्का दिया भस.स्.स्.स्.स् की आवाज़ के साथ चूत की सील तोड़ कर लंड अन्दर और कंचन के मुह से आह्ह्ह..आः...मर गयी.ई.ई.i.ई.ई.ई.ई.ई..ई निकला..जीजा जी ..फट गई...ई.ई.ई.ई.ई.इमेरी चूत.. सुमित का लंड फर्र र र र करके उसकी चूत मे जा कर फंस गया . इसी के साथ कंचन के मुह से फ़िर से चीख निकल पड़ी . यह चीख दर्द भरी भी थी और साथ ही आनंद से भरी भी थी ..सुमित के लंड से बहकर खून नीचे चादर पर टपक रहा था...इसी बेड पर उसने रीना की भी सील तोडी थी अआज वो रीना की सील तोडना चाहता था..लेकिन कंचन मिल गई..थोड़ी देर के बाद कंचन सुमित के ऊपर बैठ कर अपनी चूत की खाज मिटने लग गई . अपनी चूत की जकड मे लंड को ले कर उछल -कूद मचने लगी . साथ ही उसके मुह से सिस्कारियां निकल रही थी . सुमित अपने हाथो से उसके चुन्ची पकड़ कर सहला रहा था . कंचन उसकी छाती पर हाथ रख कर अपनी चूत ख़ुद ही चुदवारही थी . आनंद से मदहोश हो कर चुद्वा रही थी . स्पीड धीरे -धीरे बढ़ कर अपनी चरम सीमा पर चली गई . फुल फास्ट स्पीड मे चुदवाने से कंचन की सिस्कारी बड़बड़ाहट मे बदलने लगी ."येस .. येस .. क्या मजा आ रहा है .. येस .. येस .. आज पहली बार चूत को मजा मिल रहा है .. ओह्ह .. क्या जन्नत का मजा मिल रहा है .. उफ्फ्फ .. जीजा जी तुम्हारा लंड लाखों मे एक है एक दम लोहे के जैसा सख्त है ... उफ़ ... मेरी चूत ... ह आ ई ... मैं .... आह्ह्ह ... मेरी चूत का पानी निकलने वाला है .. ओह्ह्ह ... क्या हो रहा है मुझे ... हाय ... मेरी चूत ... उफ्फ्फ्फ़ ... मेरा पानी निकला ... येस .. मेरा पानी निकला ... येस ... ऊईई ... येस ... मेरा पानी निकल गया ..." ऐसा कह कर कंचन उसकी छाती पर गिर कर लम्बी -लम्बी साँसे छोड़ने लगी . चूत का पानी निकलते हुए वोह अब हलके हलके धक्के मर कर एकदम से निढाल हो गई .सुमित ने अपनी बाँहों मे भरकर उसके होंठों को अपने होंठों से जकड लिया . थोड़ी देर बड़ जब कंचन की धड़कन एकदम सामान्य हुयी तो अपने सरीर से उसे उतरकर अपने बाजु मे सुला लिया और उसके चुन्ची को सहलाता हुआ एक निपल को मुह मे दबा लिया . थोड़ी देर मे दोनों चुन्ची को चूस कर अपनी उंगली से उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा . उसकी चूत को सहला कर उसकी चूत की चोदाई की तय्यारी कर रहा था . उसका भूखा लंड अब उसे चोदने को एकदम तैयार था . कंचन के मुह से जब सिस्कारी निकलने लगी तो उसे डौगी स्टाइल मे कर उसके नितंबो को अपने हाथ से सहलाने लगा . उसकी चूत दोनों चुतडो के बीच एकदम से दबी हुई थी . अपने लंड को हाथ मे लेकर उसके चूतडो पर हलके से सहला रहा था .कंचन की चूत काफी गरम हो चुकी थी . उससे अब सहा नही जा रहा था . वोह बोल पड़ी , "हाय जीजा जी , क्यों तद्पा रहे हो . लंड हमारी चुदासी चूत को दिखा रहे हो और उसको चूत के अन्दर नही पेल रहे हो . अब जल्दी से अपने मूसल जैसे लंड को चूत मे घुसाओ , प्लीज़ . "तभी अपने लंड को उसकी चूत की खाई के सामने रखकर उसकी दरार मे टिका दिया और एक जोर का धक्का मारा की कंचन के अभी अभी सील टूटे चूत मे लंड सनसनाता घुस गया.कंचन के मुह से जो चीख निकली वो तो भयानक थी थोड़ी देर धक्के खाने के बाद कंचन के मुह से आनंद -भरी चीख निकल पड़ी . "हाय . दैय्या ." लंड आधा एक ही धक्के मे चूत के अन्दर घुस गया था..बाद मे हलके धक्के लगे और फ़िर एक जोर का धक्का लगा..इस . दूसरे जबर्दस्त धक्के मे लंड पुरा का पुरा चूत के अन्दर था कंचन का कलेजा दहल गया लेकिन वो अभी पूरी चुदासी थी... सुमित ने धीरे -धीरे अपने धक्के लगाने चालू रखे . लंड चूत मे पिस्टन की तरह अन्दर बाहर हो रहा था . उसका लंड लंड चूत की गरमी पाकर और फूल गया . कंचन भी धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी . फिर अपने हाथ बढ़ा कर सुमित ने कंचन के चुंचियों को अपनी गिरफ्त मे ले लिया और धक्को की स्पीड बढ़ा दी . लंड चूत की ज़द तक जा रहा था . सुमित का लंड चूत के धक्के से एकदम बेकाबू हो उठा . सुमित के मुह से आवाजे आणि शुरू हो गई ."लो रानी ... मेरे लंड के झटके ... खाओ , ख़ूब खाओ .. देखो तुम्हारी चूत की प्यास बाकी नही रहे .. लो यह लो .. "कंचन की चूत धक्के पर धक्के खा कर अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया . "येस .. मेरे जीजा जी . .. ऊफ्फ .. मारो धक्के .. और मारो धक्के ... मेरी चूत से फिर से पानी निकल रहा हाय . तुम्हारा सख्त लंड ही मेरा पानी इतनी जल्दी -जल्दी निकाल पाया ." फिर भी सुमित अपने धक्के मरने चालू रखा . वोह भी अपना पानी निकलना चाहता था . कंचन ने देखा की सुमित इसी तरह चोद्ता रहा तो पानी उसकी चूत मे ही छोड़ देगा तो अपनी चूत को एकदम से हटा लिया . सुमित चिहुंक पड़ा , "यह क्या रानी . मेरा पानी निकलने वाला था .""यही तो मैं नही चाहती की तुम मेरे अन्दर झडो. मैं तुम्हारे वीर्य को अपने पुरे बदन पर झड़वाना चाहती हूँ .""ऐसी बात हाय तो लो अपना मुह खोलो और इसको चूसो . अब थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा मेरे झड़ने का ."कंचन ने सुमित के लंड को हाथ से पकड़ कर पहले अपने चूंची पर सहलाया फिर लेट कर उसके मूसल को अपने दोनों बूब्स के बीच डाल कर सुमित से बोली , "लो जीजा जी , अब मेरे tits को छोड़ो . अपने लंड को मेरे बूब्स की खाई ई मे डाल कर यहाँ भी अपना झंडा गाड़ दो ."सुमित अपने लंड को कंचन के कबूतरों के बीच मे लाकर उसकी tit -fucking चालू कर दी . लेकिन जो टेंपो डौगी -स्टाइल मे बना हुआ था वोह वापस नही बन रहा था . पानी निकलता नही देख उसने अपना ध्यान उसके कबूतरों पर टिका दिया ."मेरी प्यारी साली , अब इस tit-fucking के बाद तुम्हारी चूत की फिर एक बार चुदाई करूंगा . तेरे कबूतरों का जवाब नहीं .....तेरे बूब कितने मलाई जितने चिकने हाय .....और तेरे गुलाबी निपल्स ...इन्हे तो मैं खा जाऊंगा ," कहता हुआ अपने लंड को चुंचियों से निकाल कर उसके ऊपर टूट पड़ा और उसकी चूचियों को मसल मसल कर दबोचने लगा ."प्लीज़ मेरी चूची को और जोर से दबाओ , बहुत मज़ा आ रहा हाय . मुझे नशा सा हो रहा है . तुम मेरी चूची दबा रहे हो और मेरी चूत मे कुछ कुछ हो रहा है . है ! तुम्हारा तो लंड भी अब वापस से कड़क हो गया है ."कंचन नीचे पड़ी पड़ी अपनी चूचियों की खाज मिटा रही थी . जीजा जी को पागल होते देख उसकी चूत मे फ़िर खाज शुरू हो गई थी . अपनी चूत पर उसके लंड को रख कर अपने बदन को उसके बदन से जकड लिया और कहने लगी , "मुझे चूत में बहुत ...आः ....खुजली हो रही है .....अब अपना चाक़ू मेरी चूत पे चला दो ....जीजा जी तुम्हारे लंड ने मेरी चूत से खून निकाला है आज चूत से .मुझे औरत बना दिया तुमने और दीदी को माँ आज मेरी चूत की मिटा दो खुजली ..... मिटाओ ."कंचन को भी तड़पते देख अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रख कर एक जोर से धक्का दिया और बोला , "ही ! मेरी रानी , ले ! ले ऐ ई ऐ ! और ले , जीं भर कर खा अपनी चूत मे मेरे लंड के धक्के ." फिर धक्के पर धक्के चालू हो गए . कंचन के पैर उसके सर तक मोड़ दिए..थोड़ी देर तक कमरे मैं केवल "उफ़ " "है " "ओह्ह " "मर गई..ओह्ह माँ...जीजा जी ..धीरे..दर्द हो रहा है..आह्ह भी अभी किया है...आह्ह..ऊह्ह ह की ही आवाजे आ रही थी . तभी सुमित और कंचन दोनों एक साथ हाय चीख पड़े अह्ह्ह...कंचन ...जीजा जी ... दोनों का ही पानी एक साथ छूटने लगा . दोनों निढाल हो कर पलंग पर लेटे रहे और उसी हालत मे नींद आ गई .दुसरे दिन सुबह ..कंचन अब कुंवारी नही थी...और चादर पर खून के छिंटे उसकी औरत बनने की गवाही दे रहे थे....सुबह कंचन ने उठकर सुमित को उठाया . रात की मस्ती झड़ी नही थी .सुमित ने कंचन को नंगी देखा तो फ़िर से अपने पास खींच लिया..चूमा चाटी शुरू हुयी और लंड लोहे जैसा हो गया... एक बार फिर दोनों आपस मे लग कर चुदाई शुरू कर दी . सुमित कंचन को नीचे ले कर उसकी दोनों टांगो को आसमान मे फैला कर और उसके चूतड के नीचे दो तकिये रख दिए..जिससे उसकी उभरी हुयी चूत और उभर आयी थी. अभी भी..सुमित ने जैसे ही अपना लंड उसकी गीली हो रही चूत के अन्दर घुसाया..कंचन चीख पड़ी..सुमित ने दो धक्को मे पूरा लंड चूत के अन्दर डाल दिया था..और कस कस कर उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया . सिस्कारियों से कमरे का वातावरण काफी मदहोश हो गया . कंचन नीचे से हर धक्के का जवाब अपनी सिस्कारी से दे रही थी .आह्ह..अह्ह्ह.औच..आ..ऊ..च....आह्ह...जीजा जी ....सच मुच तुम्हारा लंड लाजवाब है और बहुत लंबा और मोटा है . उस लड़की को बहुत मजा आएगा जो तुमसे चुदवायेगी ," कंचन सुमित से चुदवाती हुयी बोली .सुमित कस -कस कर धक्के मरते हुए बोला , "हाँ जाने -बहार , तुम्हारी चूत भी एकदम लाज़वाब है .एकदम तिघ्त, उभरी हुयी..कितनी गरम और नरम है..हाय.और इसकी गुलाबी रंगत... लगता है इसे चोद्ता ही जाऊं ."नीचे से कंचन सिस्कारी मरते हुए बोली , "ओह्ह ! मेरे राजा और पेलो और पेलो अपनी रानी की चूत मे अपना मोटा लंड . आह ! ..मेरी चूत तुम्हारा लंड खा कर और अपनी सील तुड़वा कर निहाल हो रही है . हाय ! लंबे और मोटे लंड की चुदाई ही कुछ और ही होती है . बस मज़ा आ गया . हाँ हाँ , तुम ऐसे ही अपनी कमर उछाल उछाल कर मेरी चूत मे अपने लंड से धक्का मारते रहो . मेरी चूत को भी बहुत दिनों से शौक था मोटे और लंबे लंड से सील तुड्वाने का.और फ़िर उससे चुदवाने का.जम कर.. उसको और जोर जोर से खिलाओ अपना मोटा और लंबा लंड ."लेकिन जल्दी ही खत्म हो गई उनकी चुदाई . दोनों का पानी आधे मिनट के फरक पर निकल गया . कंचन ऐसी चुदाई प कर मस्त हो गई . रात की चोदाई से ज्यादा कड़क चोदाई उसे सुबह वाली लगी .हॉस्पिटल जाकर सीमा को देखने और रीना को फ्री करने के कारण सुमित को बिस्तर पर से जल्दी उठना पड़ा . बाथरूम मे जाने के बाद पता चला की बाथटब का शावर और नल दोनों ख़राब हो गए है . पानी नही आ रहा था . तो सुमित यह कहकर निकल गया की मैं प्लंबर को भेज रहा हूँ . अगर जल्दी आ गया तो ठीक है नही तो रीना को बता देना की प्लंबर से नल ठीक करवाना है . सुमित हॉस्पिटल जाकर रीना को फ्री किया और बोला की घर पहुंचकर कंचन को जल्दी भेज देना ताकी वोह ख़ुद ऑफिस जा सके .रीना घर पहुँची तो कंचन बाथरूम से निकल कर अपने कपडे बदल रही थी . बाथरूम मे स्टोरेज किए हुए पानी से उसने अपना काम चला लिया था . कंचन के चहरे पर छायी हुयी खुशी को देखकर रीना समझ गई की रात भर क्या क्या हुआ होगा उसने सोच लिया की कंचन की सील कल रात मे खुल गई है..क्युकी बेड रूम की चादर पर खून उसे दिख गया था... फिर भी अनजान बनते हुए उसने कंचन को छेड़ते हुए पूछा , "है मेरी जान , बड़ी खुश दिख रही हो . रात भर सोयी नही थी क्या ? लगता है जीजा जी ने बहुत परेशान किया है .""नही तो . ऐसी तो कोई बात नही है .""अच्छा हमसे ही नाटक .""जब कुछ हुआ ही नही तो क्या नाटक करूं ."फ़िर रीना ने उसे बेडरूम की चादर पर खून दिखाया और बिस्तर के नीचे पड़ी हुयी फटी हुई नाईटी की ओर इशारा किया. तो कंचन शरमा गई और फिर धीरे धीरे सारी बात रात की उगल दी कंचन ने .रीना ने कहा जीजू का लैंड बहुत मज़बूत और मोटा है ये तो मैं जानती हु..मैंही कल उनसे चुदवाने के मूड मे थी..लेकिन तेरी लॉटरी लग गई. बहुत मज़ा आया होगा ना?..और दोनों फ़िर रस ले कर बातें करने लगी . रीना और कंचन रात की बात करते करते दोनों ही उत्तेजित हो गए . आपस मे अनजाने ही एक दूसरे के बदन को सहलाने लगी . दोनों की चूतें अन्दर की गरमी से पिघलने लगी . तभी टेलीफोन की घंटी बजी . कंचन ने फ़ोन उठाया ."मैं सुमित बोल रहा हूँ .""बोलो जीजा जी , मैं कंचन बोल रही हूँ .""देखो प्लंबर को बोल दिया है . थोड़ी देर मैं आ जाएगा . लेकिन तुम जल्दी आ जाओ . मुझे कुछ दवाई लाना है फिर मैं ऑफिस निकल जाऊंगा ."कंचन जल्दी ही हॉस्पिटल के लिए निकल गई साथ मे कह कर गई की बाथरूम का नल ख़राब है , प्लंबर आएगा . रीना मन मसोस कर रह गई . रात मे भी मौका नही मिला और अब सुबह थोड़ी बहुत गरमी शांत होती वह भी नही हुयी .उसे सुमित पर ग़ुस्सा आ रहा था..ऐसे तो मेरी चुन्ची दबाते है...गांड दबाते है..आज छुट्टी ले कर घर रुक जाते तो मै भी उस मोटे और लंबे लंड से एक बार तो चुदवा लेती.. आख़िर चूत तड़पती ही रह गई . वोह उसे शांत करने के लिए जीजी की एक नाईटी पहन कर बाथरूम मे चली गई . उससे बदन तो ढक गया लेकिन गला काफी खुला हुआ था और नीचे से भी घुटने के ऊपर तक ही थी .नाईटी को उतार कर जैसे ही नल खोला तो ध्यान आया की वोह तो ख़राब है . उसी हालत मे बैठी बैठी अपनी चूत को हाथ से सहलाने लगी . चूत को सहलाते -सहलाते उसे ध्यान ही नही पड़ा की दरवाजे की बेल कितनी देर से बज रही है . फटा - फट नाईटी पहन कर बाहर निकली और गेट खोल दिया . सामने खड़ा था प्लंबरएक मजबूत किस्म का इंसान . रंग सांवला लेकिन कद काठी कसरती . वोह भी अपने सामने खड़ी रीना को देखता ही रह गया . उफ़ क्या नशीला बदन है . एक मिनी नाईटी पहने हुए तो क़यामत ढा रही थी . छातियां नाईटी मे समां नही रही थी . आधे मम्मे बाहर छलक रहे थे . गहरी साँस लेते हुए बोला , "सुमित साहेब ने बुलाया है . क्या कोई नल ख़राब है .""हाँ .. हाँ . बाथरूम का शावर और नल दोनों ख़राब है . पानी नही आ रहा है ."संजय , यही नाम था प्लंबर का , सीधे बाथरूम मे चला गया . बाथ टब का शोवेर और नल चालू कर के देखा लेकिन पानी नही आ रहा था . तो उसने शावर को निकाल दिया और फिर बाथरूम के अन्दर बनी हुयी टंकी जो सीलिंग से लगी हुयी थी , से नल को चेक करने लगा ."लगता है की टंकी से पानी नही आ रहा है . ऊपर चेक करना पड़ेगा . कोई टेबल है क्या ?"रीना ने एक मध्यम साइज़ की टेबल ला कर दी . वोह उस पर चढ़ कर टंकी चेक करने लगा और बोला , "पानी तो पुरा भरा पड़ा है . पाइप और फिटिंग चेक करना पड़ेगा ."यह कह कर अपनी पैंट और शर्ट निकलने लगा . एक बनियान और स्वीमिंग कास्ट्युम जैसा अंडसुमित यर पहने हुआ टेबल पर चढ़ गया . रीना उसके गठीले बदन को देखी तो देखते ही रह गई . मजदूर आदमी का जिस्म था . एक दम कड़क .ऊपर से पाइप को खोलते हुआ बोला "मेम साहेब , आप जरा बाथ टब के पास रहना . जब पानी आए तो शावर को पाइप के ऊपर पकड़ कर रखना ."बाथरूम मे जगह कम थी . टेबल ने जगह घेर कर रखी थी . रीना बाथ टब मे जाकर खड़ी हो गई . जब पानी आने लगा तो वोह शावर को पाइप के ऊपर लगाने लगी लेकिन बाथ टब मे खड़ी होने की वजह से रीना पुरी तरह से भीग गई . उसका बदन नाईटी से झलकने लगा . उसके कबूतर नाईटी से आधे तो पहले ही दिख रहे थे अब बाकी आधे नाईटी के पारदर्शी (transparent) हो जाने की वजह से दीखने लगे . उसके दर्क निपल एक दम से तन कर आमंत्रण दे रहे थे . जांघों से नाईटी चिपक गई थी . उसके उभरे हुए नितम्ब आकर्षित कर रहे थे . संजय ने जब नजर नीचे कर यह नज़ारा देखा तो उसका लंड दन -दन करता हुआ खड़ा हो गया . उसका लंड एक गोरी और मस्त लौंडिया को देख कर फड़फडाने लगा . वोह पाइप वापस फिटिंग करते हुए कभी पाइप को देख रहा था तो कभी रीना की उफनती हुयी जवानी को देख रहा था .तभी उसके हाथ से रेंच -पाना (an instrument to tight pipe) नीचे बाथ टब मे गिर गया और उसके हाथ से पाइप भी छूट गया .पानी ऊपर पाइप से नीचे गिरने लगा . ख़ुद भी पुरी तरह से भीग गया . उसके बदन के कपडे भी भीग गए . कोस्ट्युम जैसे अंडसुमित यर से लंड का साइज़ साफ दिख रहा था .बहुत ही मोटा और लंबा लग रहा था.और मुड़ा हुआ था.. ऊपर से ही कहा , "मेम साहेब , जरा वोह रेंच -पाना देना प्लीज़ ."रीना ने रेंच -पाना उठाया तो शावर अपनी जगह से खिसक गया . जिसकी वजह से पानी फिर गिरने लगा . एक हाथ से शावर को पकडे हुए दूसरे हाथ से झुक कर उस ने रेंच -पाना को उठाया और उसकी मस्तानी गांड ..ऊह्ह..ओह्ह ..क्या दृश्य था ..मोटे गदराये नितम्बो की गोलाई और उसमे वो गांड..वो हाथ से रेंच पाना देने लगी . लेकिन पानी गिरते रहने की वजह से उसका ध्यान शावर की तरफ़ ही था . दूसरा हाथ रेंच -पाना संजय को देने के लिए आगे बढाया हुआ था . ऊपर संजय भी पाइप से पानी गिरते रहने की वजह से पाइप की और ही देख रहा था . उसने ऊपर ही मुह किए हुए वापस कहा , "मेम साहेब , प्लीज़ . वह रेंच -पाना देना ."रीना भी शावर की और देखते देखते बोली , "दिया तो है . लेलो ."तभी दोनों की नज़र आपस मे टकराई तो देखा की रेंच -पाना रीना ने अनजान -वश संजय के मोटे फूले हुए लंड मे फंसा दिया था .संजय यह देखकर मुस्कुराया और रीना ने अपनी नज़र नीचे झुका ली . संजय रेंच -पाना अपने लंड पर से निकाल कर पाइप को फिटिंग करने लग गया .संजय बोला , "अच्छा मेम साहिब , अब धक्का नही दूँगा . मैं थोड़ा ज्यादा ही जोश मे आ गया था . लेकिन अब इसे चूसो . तड़पाओ मत मुझे ."रीना उसके लंड को चाट रही थी ऊपर से फव्वारे से पनि गिर रहा था . संजय को जन्नत का मजा मिल रहा था . तभी संजय को महसूस हुवा की अगर लंड को रीना के मुह से नही निकला तो फव्वारे की तरह उसका लंड भी पानी फेंकने लगेगा . उसने रीना को बाथ टब मे लेटकर उस पर छा गया और उसके मम्मे अपने हाथों से पकड़ एक को मुह मे लेकर आम की तरह चूसने लगा . रीना के मुह से सिस्कारी निकल गई ..आह्ह..उफ्फ्फ..इश..श.स्.स्.स्.स्. धीरे..लेकिन अब संजय कुछ नही सुनने वाला था . संजू बगैर दांतों से नुकसान पहुँचाये उसके एक -एक करके दोनों उरोजो को बारी -बारी से मुह मे लेकर चूस रहा था . साथ मे बोलता भी जा रहा था , "मेम साहेब , तुम्हारे चुचियो का जवाब नहीं .....तुम्हारे चूंची कितने मलाई जितने चिकने है .....और तुम्हारे गुलाबी निपल .. उफ़ ....इन्हे तो मैं खा जाऊंगा ."रीना सिस्कारी लेते हुए बोली , ""हाय ! और जोर से मेरी चूची मसलों , इनको ख़ूब दबाव , दबा दबाके इनका सारा रस पी जाओ . मुझे बहुत मज़ा आ रहा है . मेरे पुरे बदन मे नशा छा रहा है . हाय मुझको इतना मज़ा कभी नही मिला . और दबाव मेरी चूची को ."संजय उसके मम्मे चूसते हुए अपने एक हाथ को उसके मम्मे से सरकाते हुए उसकी चूत के ऊपर हाथ से मालिश करने लगा . रीना का जोश दुगुना हो गया . उसकी सिस्कारियां बढती ही जा रही थी . जिनको सुनकर संजय का भी जोश बढ़ गया . उसका मुह और दोनों हाथ की स्पीड डबल हो गई . अपनी जीभ से उसकी कड़क हुयी निपल को चूसने के साथ उसकी चूत और झांटो पर अपनी रगड़ बढ़ा दी . "आः आह्ह ......प्लीज़ आहिस्ता करो . रगडो मेरी चूत को .. आराम से करो .. मजा आ रहा है तुम ने क्या कर दिया है .. आज ऐसा पहली बार फील कर रही हूँ और बहुत अच्छा लग रहा है .. हाँ ऐसे .. आराम से .. मगर रुकना मत .. करते रहो .. ओह्ह हह स्.स्.स्.स्.स्.स्.उफ्फ्फ....और उसने टटोल कर फ़िर से उसके लंड को पकड़ा जो की फुफकार रहा था... "लोहे को गरम होते देख संजय ने अब अपना हथोडा मारना ही अच्छा समझा . उसने रीना को दीवाल के सहारे उठा के खड़ा कर उसके पीछे से अपने दोनों हाथो से उसके चूतड को सहलाना शुरू कर दिया . उफ़ ... क्या गुदाज़ जिस्म के उसके चूतड थे . दूध मे सिन्दूरी कलर डाले हुए रंग के चूतड . वोह अपनी किस्मत पर यकीन ही नही कर पा रहा था . वाकई मे ऐसी चूत और चूतड किस्मत वाले को ही मिलते है . उसने अपनी जीभ निकल कर उसके चूतड को चाटना चालू कर दिया . रीना के मादक बदन मे एक सिहरन दौड़ गई . उसका बदन का एक -एक रोंया सिहर उठा . पुरे बदन मे बिजली कड़क रही थी . चूतड को चाट -ते चाट -ते अपनी जीभ को उसकी पीछे से उभर कर बाहर आई हुयी चूत पर लगा दिया . जीभ चूत पर लगते ही रीना के मुह से "ऑफ़ फ . ..ओफ्फ्फ " की आवाज आनी शुरू हो गई . अपनी जीभ को संजय ने धीरे धीरे आगे बढ़ाते हुए चूत की चुदाई अपनी जीभ से चालू कर दी . चोदना -चाटना , चोदना -चाटना , चोदना -चाटना यही कर रहा था अपनी जीभ से उसकी गुलाबी चूत को दोनों फांक चिपकी हुयी थी..उसे ऊँगली से थोड़ा फैला लिया था..."ओओओह मा .. ओह आहा आया .. यह क्या कर रहे हो , बहुत मज़ा आ रहा है और चाटो , चूस डालो ... पानी निकल दो इसका .... बहुत प्यासी है मेरी चूत ," रीना की लहराती हुयी आवाज बाथरूम मे गूँज रही थी . मेरी प्यास बुझा दो , मुझे ठंडा कर्दो .. मेरा जिस्म बहुत जल रहा है .. कुछ कुछ हो रहा है मन मे , प्लीज़ मेरी आग बुझा दो मेरी .. प्लीज़संजय ने उसकी रसीली छूट की चुसाई कर उसे वैसे ही खड़ा रहने दिया और अपने सख्त लंड को उसके चूतड पर दबाना शुरू कर दिया . लंड को एकदम नजदीक देख उसकी चूत का पानी बहना चालू हो गया . चूत एकदम से जूसी हो गई . अपने हाथ को पीछे ले कर संजय को अपने बदन से चिपका लिया . उसकी चूत की भूख अब बढती ही जा रही थी . अब उससे सहन नही हो पा रहा था . वोह भड़क कर बोली , "उफ्फ्फ ... देख क्या रहे हो ... चालू करो .... लगाओ अपने लंड को निशाने पर और मारो धक्का ."संजय ने अपने लंड को उसकी चूत के निशाने पर ला थोड़ा सा धक्का दिया . आधा सुपाडा लंड का चूत मे जा कर फँस गया . दूसरा धक्का मारा तो उसके लंड का पूरा सुपाडा उसकी चूत मे जा कर धंस गया . तीसरा धक्का मारा तो आधा लंडउसकी गुफा मे गायब हो गया . साथ ही रीना की चीख पूरे घर मे फ़ैल गई..ऊह मेरी माँ..मर गयी..निकालो....अह्ह्ह..आह्ह..बाप रे..इतना मोटा...निकालो..मैं मर जाऊंगी.. लेकिन संजय रुका नही..वो समझ गया था की ये चुदी हुयी चूत है ..थोड़ा चिल्लायेगी..क्युकी इतना मोटा लंड कभी चूत मे नही घुसा है ..उसके शहरी दोस्त का नए ज़माने का लंड ही घुसा होगा..उसने रीना को थोड़ा दबा के पकड़ा और फ़िर धीरे धीरे चोदने लगा..एक और धक्का मारा तो इस बार रीना की आनंद भरी चीख भी निकल गई . "हाय .... क्या लंड है तुम्हारा .... एक दम से तगड़ा और सख्त .... उफ़ ..... वाकई मे ही ... जैसे कोई गरम गरम हथोडा जाकर मेरी चूत मे फँस गया हो ."अब संजय ने अपने धक्के लगाने शुरू कर दिए . खड़े होने की वजह से पूरा लंड तो अन्दर नही जा रहा था लेकिन जितना भी जा रहा था वह रीना की चूत मे खलबली जरूर मचा रहा था . थोड़ी देर इस तरह दक्के मरने के बाद उसने अपने लंड को बाहर निकाल दिया और रीना को बाथरूम के फर्श पर लेटा कर अपने लंड को उसके मुह मे दाल दिया . रीना ने गप्प से उसको मुह मे ले लिया . थोड़ी देर चूसाने के बाद बाहर निकाल उसके लंड को हाथ से पकड़ सुरेश को कहा , "प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत मैं डाल दो . मुझे और मत तड़पाओ ज़ालिम . मुझे छोड़ो , मैं तुम्हारे लंड की दीवानी बन गयी हूँ . अपने लंड से मेरी चूत की प्यास बुझाओ ."संजय ने उसकी जांघों को चौड़ा कर अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया . फिर कस कर एक धक्का मारा .लंडउसकी रस से भरी हुयी उसकी चूत को ककड़ी की तरह फाड़ता हुआ चूत की अन्दर वाली दीवार से सीधा जा टकराया . रीना तो एक बार पुरी तरह कंप गई और पूरा बदन दहल उठा और मुह से चीख निकल गई..उईई माँ.मार डाला ..मेरी फट गयीई...आह्ह्ह..लेकिन संजय को अब कोई परवाह नही थी..उसने आव देखा ना ताव..और फटके लगाने शुरू कर दिए..उसने देखा उसके लंड पर कुछ खून के दाग लगे है..आज सच मे रीना की चूत फट गई..संजय ने . लंड को बाहर निकाल वापस धक्का मारा तो उसकी सिस्कारी निकालनी चालू हो गई . "उफ़ ... अह्ह्ह ..." संजय अपनी फुल्ल स्पीड से उसकी चूत के अन्दर बाहर अपने लंड को कर रहा था .रीना बड़बड़ा रही थी , "ओह्ह ह ... क्या चोद रहे हो तुम .... वाकई मे मेरी चूत धन्य हो रही है ... तुम्हारी चुदाई से .... उफ्फ्फ .... मेरी चूत को आज चोद -चोद कर ख़ूब रगड़ाई करो .... आह्ह्ह ह .... चोदो .... चोदो .... और चोदो .... चोदते ही जाओ .मुझे मार डालो..मेरी चूत का पूरा पानी निकालो "हाँ रानी .... ख़ूब चोदुंगा तुझे आज ...तुम्हारी जीं भर की कसर निकालूँगा आज मैं ....लो संभालो मेरे लन्ड को .....उफ्फ्फ ....तुम्हारी चूत .....क्या नरम और नाजुक है ....तुम्हारे संतरों का भी जवाब नही ....उफ़ क्या चुचिया है तुम्हारी ....आज तुझे ऐसा चोदुन्गा मैं की जिंदगी भर याद रखोगी ."धक्कों की स्पीड बढती ही जा रही थी . दोनों मदहोश हुए चुदाई मे लगे हुए थे रीना इस बीच दो बार झाड़ चुकी थी..और चूत ने इतना पानी फेंका था की लंड अन्दर अब आराम से फिसलता हुआ जा रहा था और बाहर भी आ रहा था..और बाथ रूम मे . घचा -घच ....फचा -फच .की आवाज़ आने लगी थी. दोनों आँखों से एक -दूसरे को देखते हुए एक दूसरे मे ज्यादा से ज्यादा सामने की कोशिश मे लगे हुए थे लंड अन्दर जता फिर बाहर आकर दुगने जोश से वापस अन्दर चला जाता . चूत उसका थोड़ा ऊपर उठके स्वागत करती फिर गुप्प से उसको अपने अन्दर समां लेती .रीना की चीखें बढती गई , "राजा चोदो मुझे . और तेज .. और जोरसे ... चोदो . ऊफ्फ्फ , ओह्ह्ह , आह्ह्ह , ऊईई माँ , मार गई मैं आज . फाड़ दो मेरी चूत को .... और जोर से चोदो मुझे ...अपने लंड से फाड़ दो मेरी चूत को ... मुझको अपना बनालो .... चोदो मुझको ... जोर से चोदो ... प्लीज़ .....इसको अन्दर तक चोदते रहो .... ऊईए ... उफ़ ... कितना मोटा लंड है , ऐसा लगता है की गधे का लंड हो ....मुझे ऐसा लग रहा है की मैं पहली बार चूदी हूँ ....तुम बहुत मजे का चोदते हो देखो मेरी चूत फटी क्या..और उसने ख़ुद अपना एक हाथ चूत और लंड पर लगाया..और देखा की खून निकला है..वो बोल उठी..राजा..आज सच मे मेरी सील टूटी है..साली कंचन ने कल सील तुडवाई लेकिन..मेरी चुदी हुयी चूत की भी आज फ़िर से सील टूट गई..ई.ई.ई.आह्ह..."संजय अपने लंड को थोड़ा निकाल उसकी जांघों को और फैला कर उसकी चूत की चुदाई चालू कर दी . अन्दर तक जा रहे लंड से अब उसकी चूत पिघलने को तैयार हो गई . रीना ने अपनी टांगो से उसकी टांगो को एकदम से जकड लिया और बड़ बड़ाई , येस्स ... मेरे राजा ... चोदो मुझे .... उफ्फ्फ .... और .... और ..... अह्ह्ह . ... मेरा पानी .... हाय .....मेरा पानी निकलने वाला है ....राजा ....चोदो ..आह आह आह्हा आह ओफ्फ्फ ..मेरा पानी निकला .....हाँ .... निकला ..... हाँ .हाँ हाँ हाँ उफ़ इश श स्.स् स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्. .... निकल गया ."संजय के साथ एक -दम से चिपट कर अपनी चूत के पानी से उसके लंड को सींच ही रही थी ..इस बार उसका पानी बहुत तेजी से और बहुत सारा निकला..और उसके इस तरह चिपकाने से संजय के लंड ने भी अपना फव्वारा छोड़ दिया . चूत और लंड का मिलन अपने चरम पर पहुँच गया . दोनों एक दूसरे की बाँहों मे खोते हुए निढाल हो कर फर्श पर ही लेट गए . थोड़ी देर बाद संजय उठा और अपनी नज़रे रीना की आँखों मे गडाते हुए बोला , "मेम साहिब ये चुदाई मुझे जिंदगी भर याद रहेगी ."रीना ने भी कहा ,"और नही चोदोगे मुझे .""नही मेम साहिब , अब दूकान पर जन होगा . नही तो सेठ को बोलना भारी पड़ेगा मुझे ."इच्छा नही होते हुए भी संजय को विदा करने रीना उठ खड़ी हुयी .उसकी चूत की हालत ख़राब हो गई थी..ऐसी चुदाई उसने सपने मे भी नही सोची थी..पुरा बदन टूट रहा था..लेकिन फ़िर भी अच्छा लग रहा था...संजय खड़ा होकर अपने कपड़े पहने और रीना को चूमता हुवा बाथरूम से बाहर निकल गया .दरवाजे पर आया रीना उसके पीछे थी उसने देखा फिर बगैर कपड़ों मे खड़ी रीना को अपनी बाँहों मे समेत -ते हुए उसके होंठों को चूमा , चुचियो को सहलाया , चूत को मसला . रीना भी उसकी बाँहों से अपने एक हाथ को फ्री कर पैंट के ऊपर से ही उसके लंड को मसलने लगी . लंड झट से खड़ा हो गया . खड़े हुए लंड ने रीना के हाथों मे फुर्ती ला दी . और जोर से मसलने लगी और बोली , "देखो इसे . इसको अभी नही जाना है ."फिर नीचे बैठ कर उसके लंड को पैंट की चैन खोल कर बाहर निकाल ली और चूसाने लग गई . लंड मुह मे जाते ही उछल कूद मचने लग . अपनी पैंट को नीचे खिसका कर रीना को घोड़ी बना कर अपना लंड उसकी नाजुक चूत मे एक धक्के मे पेल दिया और क़रीब २० मिनिट ऐसे ही चोदा और फ़िर अपना पूरा माल उसकी चूत मे डाला..ये चुदाई बहुत ही घमासान थी..रीना सिर्फ़ चीखती रही..आह्ह..मर..गयी.ई.ई..अआछ..चोदो..और संजय ने हुमच हुमच कर चोदा जब रीना झड़ी उसके १ मिनिट बाद ही संजय ने अपना पानी भी उसकी चूत मे डाल दिया... रीना की जान मे जान आई . उसकी चूत लंड खाने को ही उतावली थी और उसे लंड मिल गया ..प्यारी चूत
दोस्तो अभी तक आपने पढ़ा की कैसे कंचन की कुंवारी चूत की चुदायी सुमित ने की और रीना की गरम तड़पती चूत मे प्लंबर संजय ने अपना लावा डाल के उसकी आग को ठंडा किया
कहानी अभी बाकि है भाई आगे आप जानेगे कैसे सुमित ने अपने दोनों साली की चुदाई की को पढ़ते रहे मेरी गरम गरम सालियां
फिर कंचन घुटने के बल बैठकर अंडसुमित यर की कैद मे बैठे उस भूखे शेर की दहाड़ सुनने लग गई . उसका फूला हुआ लंड अंडसुमित यर मे मचल रहा था . अंडसुमित यर तम्बू बन चुका था . कंचन ने अपने हाथो से उसको पुचकार कर शांत करने की कोशिश की . जब लंड ज्यादा ही मचलने लगा तो अपने होंठों से सुमित के लौडे को अंडसुमित यर के साथ ही दबा लिया . अब बारी थी सुमित के सिस्कारने की . तीन महीने मे Dr. के ना करने के कारण वोह अपनी बीबी , सीमा , को चोद नही पाया था लेकिन यदा -कदा सीमा अपने हाथ से सुमित के लंड को मसल जरूर देती थी .कंचन उसके लंड को अंडसुमित यर के ऊपर से चाटने लगी और बोल उठी.."जीजा जी ..क्या मस्त खिलौना है..कितना लंबा और मोटा...मेरी चूत को फाड़ डालोगे आज..लगता है..कुंवारी साली की चूत है..जरा प्यार से करना प्लीज़.."लंड फूल कर एक दम भड़क उठा "कुंवारी चूत छोड़ने के ख़्याल से ही सुमित जोश मे आ गया.. तभी कंचन ने झटके से अंडसुमित यर खींच कर नीचे खिसका दिया . सुमित का लंड एक दम तन कर कंचन के मुह के सामने नाचने लगा . "उफ़ ... क्या मोटा लंड है तुम्हारा जीजा जी ," कह कर अपने हाथों मे समेट लिया कंचन ने .लेकिन लंड पुरा का पुरा हाथों मे आया कहाँ था . मोटे के साथ साथ पुरा 8 " का लंड था सुमित का ..लंड का सुपाडा भुक्कड़ की तरह कंचन का चेहरा देख रहा था . कंचन ने लंड को अपने हाथों मे लेकर उसकी चमडी को ऊपर -नीचे करने लगी . "सच मुच तुम्हारा लंड तो बहुत लंबा और मोटा है ," कंचन के मुह से निकल पड़ा . सुमित से अब रहा नही जा रहा था .कंचन ने अपनी जीभ निकाल कर लंड के सुपाडे को धीरे -धीरे चाटने लगी . सुमित का लंड उचक -उचक कर उछल रहा था . तोधी देर तक कंचन उसके सुपाडे को ही चाट रही थी . सुमित और ज्यादा बेकाबू होने लगा . उससे रहा नही जा रहा था . वोह कांपते हुए स्वर मे बोला , "अरीए , मेरी साली , अब तो "सताना " बंद करो . मेरे लंड को चूसोलेकिन कंचन ने सुपाडे को चाटना नही छोड़ा . वोह सुमित को और भड़काना चाहती थी . सच तो ये था की सुमित का सोलोना लंड उसे भा गया था..और उसे आज अपनी सील अपने जीजा से ही तुड्वाना था..और उसे मालूम था की मर्द जब ज्यादा भड़कता है तो औरत की चुदाई भी उतनी ही ज्यादा और अच्छे से करता है.. कंचन अपनी चूत की चुदवाई बहुत जोर से करवाना चाहती थी अभी तक उसके बॉय फ्रेंड ने ऊपर ऊपर से सब किया था क्युकी कभी पूरी चुदाई का मौका ही नही मिलता था..वो कसार आज पूरी करनी थी..पर यहाँ तो सुमित का लंड भड़कता ही जा रहा था . उसने कंचन को कहा , "साली मादरचोद , चूस मेरे लंड को . पुरा का पुरा खा जा मेरे लंड को . साली यह लंड तीन महीने से तरस रहा है और तुझे सताने की पड़ी है . अगर नही चूसती तो मे तेरी चूत को ऐसा चोदुन्गा की तू भी जिन्दंगी भर याद रखेगी ."कंचन का मकसद पुरा हो गया . वोह सुमित को ऐसे ही भड़काना चाहती थी . तभी सुमित ने उसके बाल पकड़ कर अपना पुरा 8 इन्ची लंड उसके मुह मे गप से डाल दिया . "ले छिनाल चूस मेरे लंड को . बहुत ज्यादा मटक रही थी ना . अब चूस मेरे लंड को ."सुमित का लंड 6 इंच तक ही कंचन के मुह मे घुस पाया . बाकी दो इंच बाहर ही रहा . उसके लंड का किनारा उसके मुह की आखिरी दीवार को छू गया था . कंचन को साँस लेने मे तकलीफ होने लगी थी . उसने सुमित के लंड को पुरा बाहर निकाल कर कहा , "जीजा जी , मार ही डालोगे क्या . थोड़ा सब्र करो . चूसती हु तुम्हारे मूसल को ."फिर कंचन ने लंड को हाथ से पकड़ कर जो चूसाई की सुमित तो पागल हो गया . उसे लगा अगर मेने अपने लंड को बाहर नही निकला तो मेरी पिचकारी अभी छूट जायेगी . उसने अपना लंड बाहर निकल कर कंचन को खड़ी कर अपनी बाँहों मे उठा लिया और उसके होंठों को चूमते हुए अपने बेडरूम की और चल पड़ा . बेडरूम मे बेड पर कंचन को सुलाते हुए उसकी नाईटी के बाकी कपड़े को फाड़ते हुए उसकी जांघों को चाटने लगा . कंचन की गुदाज़ जांघे मखमल की तरह नरम और दूध जैसी गोरी थी . सुमित उन जांघों को चूसते हुए अपने हाथो को उसकी झाँटो को सहलाने लगा . क्या रानी तुम अपनी झाँटे साफ नही करती..लेकिन मुझे पसंद है कुंवारी चूत पर नरम झाँटे ..उफ़ क्या नरम नरम झाँटे थी . सुमित तो झाँटो मसलते हुए उसकी उठी हुई बुर (चूत ) को देख पागल हो गया .एक दम गीली लेकिन गुलाबी.. अपनी उंगली को धस से उसकी कोमल अनचुदी चूत मे धकेल दिया बोहोत टाईट चूत थी..इतनी गीली होने के बाद भी थोड़ी सी ऊँगली अन्दर घुसी..और ... कंचन के मुह से निकल पड़ा , "ऊईई माँ..आह्ह..दर्द होता है जीजा जी .. . धीरे से ."सुमित उसकी जांघों को छोड़ उसकी चूत के आस -पास अपनी जीभ से चाट रहा था और अपनी एक उंगली को उसकी चूत मे डाल कर अन्दर बाहर करने लगा वो उसके कुंवारी चूत को थोड़ा अभ्यस्त कर रहा था और चूत की उंगली -चुदाई कर रहा था . थोड़ी देर मे ही कंचन बोल पड़ी , "हाय ! क्यों टाइम बर्बाद कर रहे हो ? मेरे चूत को उंगली नहीं चाहिए . अभी तुम इसको अपने जीभ से छोड़ो . बाद मे उसको अपने लंड से फाड़ दो . वोह तुम्हारे लंड को खाने के लिए तरस रही है ."तभी सुमित ने अपनी उंगली निकाल कर उसकी जगह अपनी जीभ को लगा दिया . उसके दाने को चूस कर अपनी जीभ को उसकी चूत की गहराई मे उतार दिया . कंचन मादक स्वर मे कहने लगी , ""हाय ! क्या चीज बनाईं हाय भगवान ने , चुसो चुसो , और जोर से चुसो मेरी चूत को . और अन्दर तक अपनी जीभ घुसेडो लेकिन कुंवारी चूत मे कितनी जीभ घुसेगी... हाय ! ऊपर मेरी चूत के दाने को भी चाटो . बहुत मज़ा आ रहा हाय ."सुमित ने उसकी चूत चूस चूस कर उसकी हालत ख़राब कर दी . कंचन बैठ कर अपनी चूत को देख रही थी और मुह से सी सी ..ही..उफ्फ्फ..जीजा जी ..आह्ह..स्...स्...स्...कर रही थी ..इधर सुमित के मुह पर धक्के लगाने लगी . साथ ही बड़ -बड़ा रही थी ,"येस डार्लिंग , चूसो मेरे रजा , चूत को चूसो , अपनी जीभ को मेरी चूत के अन्दर तक चूसो . येस बड़ा मजा आ रहा हाय जीजा जी . येस , येस , चूसते जाओ . मेरे दाने को भी चूसो . आह्ह्ह .., येस , चूसो.... लो.. मेरी.. चूत. का.. पानी. निकल रहा हाय . आह्ह्ह , ऊह्ह ह , चूसो बहुत दिनों बाद मेरी चूओत का पानी निकलेगा . चूसते ऐ ऐ र...हो..., येस , येस , येस , ओह , oh, क्या जीभ से .. चोद.. रहे. हो.. लगता.. हाय... यह.. जीभ... नही..., तुम्हारा...ल ण्ड..ह है . आआह्ह ह्ह्ह, और छोसो .., अहह हह , मेरा पा ...नि ... निकल रहा है . ओह्ह hh येस स् स , मेरा पानी निकल गया आ आ आ आ आ ......"और कंचन ढीली पड़ गई.लेकिन सुमित ने उसकी चूत को छोड़ा नही . वोह बहुत देर तक चूसता रहा जब तक उसकी जीभ नही थक i गई . कंचन की चूत की खाज और ज्यादा बढ़ गई . लेकिन अब वोह अपनी चूत को चत्वा कर नही बल्कि असली खेल कर अपनी प्यास बुझ्वाना चाहती थी . उसने अपने हाथ बढ़ा कर सुमित के लंड को अपने हाथ मे लेकर आगे पीछे करने लगी . जब लंड एकदम मूसल हो गया तो अपनी चूत को उसके मुह से हाथ कर उसके लंड पर बैठ गई सुमित भी चौंक गया..एक कुंवारी लड़की उसके मोटे और लंबे लंड को अन्दर लेने के लिए कितनी तड़प रही थी... सुमित के लंड को और क्या चाहिए . उसका लंड तो चूत का प्यासा था . चूत को देख कर लंड अपनी जगह पर ही उछल -कूद मचाने लगा . सुमित ने अपने हाथ बढ़ा कर अपने लंड के सुपाडे को कंचन की चूत के मुह पर रख दिया उसकी चूत इतनी गीली थी की जूस टपक रहा था इसलिए कुछ लगाने की जरुरत ही नही थी... कंचन ने ऊपर से बैठे बैठे अपनी चूत को थोड़ा धक्का दिया तो वो सम्हाल नही पायी और नीचे से सुमित ने धक्का दिया भस.स्.स्.स्.स् की आवाज़ के साथ चूत की सील तोड़ कर लंड अन्दर और कंचन के मुह से आह्ह्ह..आः...मर गयी.ई.ई.i.ई.ई.ई.ई.ई..ई निकला..जीजा जी ..फट गई...ई.ई.ई.ई.ई.इमेरी चूत.. सुमित का लंड फर्र र र र करके उसकी चूत मे जा कर फंस गया . इसी के साथ कंचन के मुह से फ़िर से चीख निकल पड़ी . यह चीख दर्द भरी भी थी और साथ ही आनंद से भरी भी थी ..सुमित के लंड से बहकर खून नीचे चादर पर टपक रहा था...इसी बेड पर उसने रीना की भी सील तोडी थी अआज वो रीना की सील तोडना चाहता था..लेकिन कंचन मिल गई..थोड़ी देर के बाद कंचन सुमित के ऊपर बैठ कर अपनी चूत की खाज मिटने लग गई . अपनी चूत की जकड मे लंड को ले कर उछल -कूद मचने लगी . साथ ही उसके मुह से सिस्कारियां निकल रही थी . सुमित अपने हाथो से उसके चुन्ची पकड़ कर सहला रहा था . कंचन उसकी छाती पर हाथ रख कर अपनी चूत ख़ुद ही चुद्वा रही थी . आनंद से मदहोश हो कर चुद्वा रही थी . स्पीड धीरे -धीरे बढ़ कर अपनी चरम सीमा पर चली गई . फुल फास्ट स्पीड मे चुदवाने से कंचन की सिस्कारी बड़बड़ाहट मे बदलने लगी ."येस .. येस .. क्या मजा आ रहा है .. येस .. येस .. आज पहली बार चूत को मजा मिल रहा है .. ओह्ह .. क्या जन्नत का मजा मिल रहा है .. उफ्फ्फ .. जीजा जी तुम्हारा लंड लाखों मे एक है एक दम लोहे के जैसा सख्त है ... उफ़ ... मेरी चूत ... ह आ ई ... मैं .... आह्ह्ह ... मेरी चूत का पानी निकलने वाला है .. ओह्ह्ह ... क्या हो रहा है मुझे ... हाय ... मेरी चूत ... उफ्फ्फ्फ़ ... मेरा पानी निकला ... येस .. मेरा पानी निकला ... येस ... ऊईई ... येस ... मेरा पानी निकल गया ..." ऐसा कह कर कंचन उसकी छाती पर गिर कर लम्बी -लम्बी साँसे छोड़ने लगी . चूत का पानी निकलते हुए वोह अब हलके हलके धक्के मर कर एकदम से निढाल हो गई .लेकिन सुमित ने उसकी चूत को छोड़ा नही . वोह बहुत देर तक चूसता रहा जब तक उसकी जीभ नही थक i गई . कंचन की चूत की खाज और ज्यादा बढ़ गई . लेकिन अब वोह अपनी चूत को चटवा कर नही बल्कि असली खेल कर अपनी प्यास बुझ्वाना चाहती थी . उसने अपने हाथ बढ़ा कर सुमित के लंड को अपने हाथ मे लेकर आगे पीछे करने लगी . जब लंड एकदम मूसल हो गया तो अपनी चूत को उसके मुह से हाथ कर उसके लंड पर बैठ गई सुमित भी चौंक गया..एक कुंवारी लड़की उसके मोटे और लंबे लंड को अन्दर लेने के लिए कितनी तड़प रही थी... सुमित के लंड को और क्या चाहिए . उसका लंड तो चूत का प्यासा था . चूत को देख कर लंड अपनी जगह पर ही उछल -कूद मचाने लगा . सुमित ने अपने हाथ बढ़ा कर अपने लंड के सुपाडे को कंचन की चूत के मुह पर रख दिया उसकी चूत इतनी गीली थी की जूस टपक रहा था इसलिए कुछ लगाने की जरुरत ही नही थी... कंचन ने ऊपर से बैठे बैठे अपनी चूत को थोड़ा धक्का दिया तो वो सम्हाल नही पायी और नीचे से सुमित ने धक्का दिया भस.स्.स्.स्.स् की आवाज़ के साथ चूत की सील तोड़ कर लंड अन्दर और कंचन के मुह से आह्ह्ह..आः...मर गयी.ई.ई.i.ई.ई.ई.ई.ई..ई निकला..जीजा जी ..फट गई...ई.ई.ई.ई.ई.इमेरी चूत.. सुमित का लंड फर्र र र र करके उसकी चूत मे जा कर फंस गया . इसी के साथ कंचन के मुह से फ़िर से चीख निकल पड़ी . यह चीख दर्द भरी भी थी और साथ ही आनंद से भरी भी थी ..सुमित के लंड से बहकर खून नीचे चादर पर टपक रहा था...इसी बेड पर उसने रीना की भी सील तोडी थी अआज वो रीना की सील तोडना चाहता था..लेकिन कंचन मिल गई..थोड़ी देर के बाद कंचन सुमित के ऊपर बैठ कर अपनी चूत की खाज मिटने लग गई . अपनी चूत की जकड मे लंड को ले कर उछल -कूद मचने लगी . साथ ही उसके मुह से सिस्कारियां निकल रही थी . सुमित अपने हाथो से उसके चुन्ची पकड़ कर सहला रहा था . कंचन उसकी छाती पर हाथ रख कर अपनी चूत ख़ुद ही चुदवारही थी . आनंद से मदहोश हो कर चुद्वा रही थी . स्पीड धीरे -धीरे बढ़ कर अपनी चरम सीमा पर चली गई . फुल फास्ट स्पीड मे चुदवाने से कंचन की सिस्कारी बड़बड़ाहट मे बदलने लगी ."येस .. येस .. क्या मजा आ रहा है .. येस .. येस .. आज पहली बार चूत को मजा मिल रहा है .. ओह्ह .. क्या जन्नत का मजा मिल रहा है .. उफ्फ्फ .. जीजा जी तुम्हारा लंड लाखों मे एक है एक दम लोहे के जैसा सख्त है ... उफ़ ... मेरी चूत ... ह आ ई ... मैं .... आह्ह्ह ... मेरी चूत का पानी निकलने वाला है .. ओह्ह्ह ... क्या हो रहा है मुझे ... हाय ... मेरी चूत ... उफ्फ्फ्फ़ ... मेरा पानी निकला ... येस .. मेरा पानी निकला ... येस ... ऊईई ... येस ... मेरा पानी निकल गया ..." ऐसा कह कर कंचन उसकी छाती पर गिर कर लम्बी -लम्बी साँसे छोड़ने लगी . चूत का पानी निकलते हुए वोह अब हलके हलके धक्के मर कर एकदम से निढाल हो गई .सुमित ने अपनी बाँहों मे भरकर उसके होंठों को अपने होंठों से जकड लिया . थोड़ी देर बड़ जब कंचन की धड़कन एकदम सामान्य हुयी तो अपने सरीर से उसे उतरकर अपने बाजु मे सुला लिया और उसके चुन्ची को सहलाता हुआ एक निपल को मुह मे दबा लिया . थोड़ी देर मे दोनों चुन्ची को चूस कर अपनी उंगली से उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा . उसकी चूत को सहला कर उसकी चूत की चोदाई की तय्यारी कर रहा था . उसका भूखा लंड अब उसे चोदने को एकदम तैयार था . कंचन के मुह से जब सिस्कारी निकलने लगी तो उसे डौगी स्टाइल मे कर उसके नितंबो को अपने हाथ से सहलाने लगा . उसकी चूत दोनों चुतडो के बीच एकदम से दबी हुई थी . अपने लंड को हाथ मे लेकर उसके चूतडो पर हलके से सहला रहा था .कंचन की चूत काफी गरम हो चुकी थी . उससे अब सहा नही जा रहा था . वोह बोल पड़ी , "हाय जीजा जी , क्यों तद्पा रहे हो . लंड हमारी चुदासी चूत को दिखा रहे हो और उसको चूत के अन्दर नही पेल रहे हो . अब जल्दी से अपने मूसल जैसे लंड को चूत मे घुसाओ , प्लीज़ . "तभी अपने लंड को उसकी चूत की खाई के सामने रखकर उसकी दरार मे टिका दिया और एक जोर का धक्का मारा की कंचन के अभी अभी सील टूटे चूत मे लंड सनसनाता घुस गया.कंचन के मुह से जो चीख निकली वो तो भयानक थी थोड़ी देर धक्के खाने के बाद कंचन के मुह से आनंद -भरी चीख निकल पड़ी . "हाय . दैय्या ." लंड आधा एक ही धक्के मे चूत के अन्दर घुस गया था..बाद मे हलके धक्के लगे और फ़िर एक जोर का धक्का लगा..इस . दूसरे जबर्दस्त धक्के मे लंड पुरा का पुरा चूत के अन्दर था कंचन का कलेजा दहल गया लेकिन वो अभी पूरी चुदासी थी... सुमित ने धीरे -धीरे अपने धक्के लगाने चालू रखे . लंड चूत मे पिस्टन की तरह अन्दर बाहर हो रहा था . उसका लंड लंड चूत की गरमी पाकर और फूल गया . कंचन भी धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी . फिर अपने हाथ बढ़ा कर सुमित ने कंचन के चुंचियों को अपनी गिरफ्त मे ले लिया और धक्को की स्पीड बढ़ा दी . लंड चूत की ज़द तक जा रहा था . सुमित का लंड चूत के धक्के से एकदम बेकाबू हो उठा . सुमित के मुह से आवाजे आणि शुरू हो गई ."लो रानी ... मेरे लंड के झटके ... खाओ , ख़ूब खाओ .. देखो तुम्हारी चूत की प्यास बाकी नही रहे .. लो यह लो .. "कंचन की चूत धक्के पर धक्के खा कर अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया . "येस .. मेरे जीजा जी . .. ऊफ्फ .. मारो धक्के .. और मारो धक्के ... मेरी चूत से फिर से पानी निकल रहा हाय . तुम्हारा सख्त लंड ही मेरा पानी इतनी जल्दी -जल्दी निकाल पाया ." फिर भी सुमित अपने धक्के मरने चालू रखा . वोह भी अपना पानी निकलना चाहता था . कंचन ने देखा की सुमित इसी तरह चोद्ता रहा तो पानी उसकी चूत मे ही छोड़ देगा तो अपनी चूत को एकदम से हटा लिया . सुमित चिहुंक पड़ा , "यह क्या रानी . मेरा पानी निकलने वाला था .""यही तो मैं नही चाहती की तुम मेरे अन्दर झडो. मैं तुम्हारे वीर्य को अपने पुरे बदन पर झड़वाना चाहती हूँ .""ऐसी बात हाय तो लो अपना मुह खोलो और इसको चूसो . अब थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा मेरे झड़ने का ."कंचन ने सुमित के लंड को हाथ से पकड़ कर पहले अपने चूंची पर सहलाया फिर लेट कर उसके मूसल को अपने दोनों बूब्स के बीच डाल कर सुमित से बोली , "लो जीजा जी , अब मेरे tits को छोड़ो . अपने लंड को मेरे बूब्स की खाई ई मे डाल कर यहाँ भी अपना झंडा गाड़ दो ."सुमित अपने लंड को कंचन के कबूतरों के बीच मे लाकर उसकी tit -fucking चालू कर दी . लेकिन जो टेंपो डौगी -स्टाइल मे बना हुआ था वोह वापस नही बन रहा था . पानी निकलता नही देख उसने अपना ध्यान उसके कबूतरों पर टिका दिया ."मेरी प्यारी साली , अब इस tit-fucking के बाद तुम्हारी चूत की फिर एक बार चुदाई करूंगा . तेरे कबूतरों का जवाब नहीं .....तेरे बूब कितने मलाई जितने चिकने हाय .....और तेरे गुलाबी निपल्स ...इन्हे तो मैं खा जाऊंगा ," कहता हुआ अपने लंड को चुंचियों से निकाल कर उसके ऊपर टूट पड़ा और उसकी चूचियों को मसल मसल कर दबोचने लगा ."प्लीज़ मेरी चूची को और जोर से दबाओ , बहुत मज़ा आ रहा हाय . मुझे नशा सा हो रहा है . तुम मेरी चूची दबा रहे हो और मेरी चूत मे कुछ कुछ हो रहा है . है ! तुम्हारा तो लंड भी अब वापस से कड़क हो गया है ."कंचन नीचे पड़ी पड़ी अपनी चूचियों की खाज मिटा रही थी . जीजा जी को पागल होते देख उसकी चूत मे फ़िर खाज शुरू हो गई थी . अपनी चूत पर उसके लंड को रख कर अपने बदन को उसके बदन से जकड लिया और कहने लगी , "मुझे चूत में बहुत ...आः ....खुजली हो रही है .....अब अपना चाक़ू मेरी चूत पे चला दो ....जीजा जी तुम्हारे लंड ने मेरी चूत से खून निकाला है आज चूत से .मुझे औरत बना दिया तुमने और दीदी को माँ आज मेरी चूत की मिटा दो खुजली ..... मिटाओ ."कंचन को भी तड़पते देख अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रख कर एक जोर से धक्का दिया और बोला , "ही ! मेरी रानी , ले ! ले ऐ ई ऐ ! और ले , जीं भर कर खा अपनी चूत मे मेरे लंड के धक्के ." फिर धक्के पर धक्के चालू हो गए . कंचन के पैर उसके सर तक मोड़ दिए..थोड़ी देर तक कमरे मैं केवल "उफ़ " "है " "ओह्ह " "मर गई..ओह्ह माँ...जीजा जी ..धीरे..दर्द हो रहा है..आह्ह भी अभी किया है...आह्ह..ऊह्ह ह की ही आवाजे आ रही थी . तभी सुमित और कंचन दोनों एक साथ हाय चीख पड़े अह्ह्ह...कंचन ...जीजा जी ... दोनों का ही पानी एक साथ छूटने लगा . दोनों निढाल हो कर पलंग पर लेटे रहे और उसी हालत मे नींद आ गई .दुसरे दिन सुबह ..कंचन अब कुंवारी नही थी...और चादर पर खून के छिंटे उसकी औरत बनने की गवाही दे रहे थे....सुबह कंचन ने उठकर सुमित को उठाया . रात की मस्ती झड़ी नही थी .सुमित ने कंचन को नंगी देखा तो फ़िर से अपने पास खींच लिया..चूमा चाटी शुरू हुयी और लंड लोहे जैसा हो गया... एक बार फिर दोनों आपस मे लग कर चुदाई शुरू कर दी . सुमित कंचन को नीचे ले कर उसकी दोनों टांगो को आसमान मे फैला कर और उसके चूतड के नीचे दो तकिये रख दिए..जिससे उसकी उभरी हुयी चूत और उभर आयी थी. अभी भी..सुमित ने जैसे ही अपना लंड उसकी गीली हो रही चूत के अन्दर घुसाया..कंचन चीख पड़ी..सुमित ने दो धक्को मे पूरा लंड चूत के अन्दर डाल दिया था..और कस कस कर उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया . सिस्कारियों से कमरे का वातावरण काफी मदहोश हो गया . कंचन नीचे से हर धक्के का जवाब अपनी सिस्कारी से दे रही थी .आह्ह..अह्ह्ह.औच..आ..ऊ..च....आह्ह...जीजा जी ....सच मुच तुम्हारा लंड लाजवाब है और बहुत लंबा और मोटा है . उस लड़की को बहुत मजा आएगा जो तुमसे चुदवायेगी ," कंचन सुमित से चुदवाती हुयी बोली .सुमित कस -कस कर धक्के मरते हुए बोला , "हाँ जाने -बहार , तुम्हारी चूत भी एकदम लाज़वाब है .एकदम तिघ्त, उभरी हुयी..कितनी गरम और नरम है..हाय.और इसकी गुलाबी रंगत... लगता है इसे चोद्ता ही जाऊं ."नीचे से कंचन सिस्कारी मरते हुए बोली , "ओह्ह ! मेरे राजा और पेलो और पेलो अपनी रानी की चूत मे अपना मोटा लंड . आह ! ..मेरी चूत तुम्हारा लंड खा कर और अपनी सील तुड़वा कर निहाल हो रही है . हाय ! लंबे और मोटे लंड की चुदाई ही कुछ और ही होती है . बस मज़ा आ गया . हाँ हाँ , तुम ऐसे ही अपनी कमर उछाल उछाल कर मेरी चूत मे अपने लंड से धक्का मारते रहो . मेरी चूत को भी बहुत दिनों से शौक था मोटे और लंबे लंड से सील तुड्वाने का.और फ़िर उससे चुदवाने का.जम कर.. उसको और जोर जोर से खिलाओ अपना मोटा और लंबा लंड ."लेकिन जल्दी ही खत्म हो गई उनकी चुदाई . दोनों का पानी आधे मिनट के फरक पर निकल गया . कंचन ऐसी चुदाई प कर मस्त हो गई . रात की चोदाई से ज्यादा कड़क चोदाई उसे सुबह वाली लगी .हॉस्पिटल जाकर सीमा को देखने और रीना को फ्री करने के कारण सुमित को बिस्तर पर से जल्दी उठना पड़ा . बाथरूम मे जाने के बाद पता चला की बाथटब का शावर और नल दोनों ख़राब हो गए है . पानी नही आ रहा था . तो सुमित यह कहकर निकल गया की मैं प्लंबर को भेज रहा हूँ . अगर जल्दी आ गया तो ठीक है नही तो रीना को बता देना की प्लंबर से नल ठीक करवाना है . सुमित हॉस्पिटल जाकर रीना को फ्री किया और बोला की घर पहुंचकर कंचन को जल्दी भेज देना ताकी वोह ख़ुद ऑफिस जा सके .रीना घर पहुँची तो कंचन बाथरूम से निकल कर अपने कपडे बदल रही थी . बाथरूम मे स्टोरेज किए हुए पानी से उसने अपना काम चला लिया था . कंचन के चहरे पर छायी हुयी खुशी को देखकर रीना समझ गई की रात भर क्या क्या हुआ होगा उसने सोच लिया की कंचन की सील कल रात मे खुल गई है..क्युकी बेड रूम की चादर पर खून उसे दिख गया था... फिर भी अनजान बनते हुए उसने कंचन को छेड़ते हुए पूछा , "है मेरी जान , बड़ी खुश दिख रही हो . रात भर सोयी नही थी क्या ? लगता है जीजा जी ने बहुत परेशान किया है .""नही तो . ऐसी तो कोई बात नही है .""अच्छा हमसे ही नाटक .""जब कुछ हुआ ही नही तो क्या नाटक करूं ."फ़िर रीना ने उसे बेडरूम की चादर पर खून दिखाया और बिस्तर के नीचे पड़ी हुयी फटी हुई नाईटी की ओर इशारा किया. तो कंचन शरमा गई और फिर धीरे धीरे सारी बात रात की उगल दी कंचन ने .रीना ने कहा जीजू का लैंड बहुत मज़बूत और मोटा है ये तो मैं जानती हु..मैंही कल उनसे चुदवाने के मूड मे थी..लेकिन तेरी लॉटरी लग गई. बहुत मज़ा आया होगा ना?..और दोनों फ़िर रस ले कर बातें करने लगी . रीना और कंचन रात की बात करते करते दोनों ही उत्तेजित हो गए . आपस मे अनजाने ही एक दूसरे के बदन को सहलाने लगी . दोनों की चूतें अन्दर की गरमी से पिघलने लगी . तभी टेलीफोन की घंटी बजी . कंचन ने फ़ोन उठाया ."मैं सुमित बोल रहा हूँ .""बोलो जीजा जी , मैं कंचन बोल रही हूँ .""देखो प्लंबर को बोल दिया है . थोड़ी देर मैं आ जाएगा . लेकिन तुम जल्दी आ जाओ . मुझे कुछ दवाई लाना है फिर मैं ऑफिस निकल जाऊंगा ."कंचन जल्दी ही हॉस्पिटल के लिए निकल गई साथ मे कह कर गई की बाथरूम का नल ख़राब है , प्लंबर आएगा . रीना मन मसोस कर रह गई . रात मे भी मौका नही मिला और अब सुबह थोड़ी बहुत गरमी शांत होती वह भी नही हुयी .उसे सुमित पर ग़ुस्सा आ रहा था..ऐसे तो मेरी चुन्ची दबाते है...गांड दबाते है..आज छुट्टी ले कर घर रुक जाते तो मै भी उस मोटे और लंबे लंड से एक बार तो चुदवा लेती.. आख़िर चूत तड़पती ही रह गई . वोह उसे शांत करने के लिए जीजी की एक नाईटी पहन कर बाथरूम मे चली गई . उससे बदन तो ढक गया लेकिन गला काफी खुला हुआ था और नीचे से भी घुटने के ऊपर तक ही थी .नाईटी को उतार कर जैसे ही नल खोला तो ध्यान आया की वोह तो ख़राब है . उसी हालत मे बैठी बैठी अपनी चूत को हाथ से सहलाने लगी . चूत को सहलाते -सहलाते उसे ध्यान ही नही पड़ा की दरवाजे की बेल कितनी देर से बज रही है . फटा - फट नाईटी पहन कर बाहर निकली और गेट खोल दिया . सामने खड़ा था प्लंबरएक मजबूत किस्म का इंसान . रंग सांवला लेकिन कद काठी कसरती . वोह भी अपने सामने खड़ी रीना को देखता ही रह गया . उफ़ क्या नशीला बदन है . एक मिनी नाईटी पहने हुए तो क़यामत ढा रही थी . छातियां नाईटी मे समां नही रही थी . आधे मम्मे बाहर छलक रहे थे . गहरी साँस लेते हुए बोला , "सुमित साहेब ने बुलाया है . क्या कोई नल ख़राब है .""हाँ .. हाँ . बाथरूम का शावर और नल दोनों ख़राब है . पानी नही आ रहा है ."संजय , यही नाम था प्लंबर का , सीधे बाथरूम मे चला गया . बाथ टब का शोवेर और नल चालू कर के देखा लेकिन पानी नही आ रहा था . तो उसने शावर को निकाल दिया और फिर बाथरूम के अन्दर बनी हुयी टंकी जो सीलिंग से लगी हुयी थी , से नल को चेक करने लगा ."लगता है की टंकी से पानी नही आ रहा है . ऊपर चेक करना पड़ेगा . कोई टेबल है क्या ?"रीना ने एक मध्यम साइज़ की टेबल ला कर दी . वोह उस पर चढ़ कर टंकी चेक करने लगा और बोला , "पानी तो पुरा भरा पड़ा है . पाइप और फिटिंग चेक करना पड़ेगा ."यह कह कर अपनी पैंट और शर्ट निकलने लगा . एक बनियान और स्वीमिंग कास्ट्युम जैसा अंडसुमित यर पहने हुआ टेबल पर चढ़ गया . रीना उसके गठीले बदन को देखी तो देखते ही रह गई . मजदूर आदमी का जिस्म था . एक दम कड़क .ऊपर से पाइप को खोलते हुआ बोला "मेम साहेब , आप जरा बाथ टब के पास रहना . जब पानी आए तो शावर को पाइप के ऊपर पकड़ कर रखना ."बाथरूम मे जगह कम थी . टेबल ने जगह घेर कर रखी थी . रीना बाथ टब मे जाकर खड़ी हो गई . जब पानी आने लगा तो वोह शावर को पाइप के ऊपर लगाने लगी लेकिन बाथ टब मे खड़ी होने की वजह से रीना पुरी तरह से भीग गई . उसका बदन नाईटी से झलकने लगा . उसके कबूतर नाईटी से आधे तो पहले ही दिख रहे थे अब बाकी आधे नाईटी के पारदर्शी (transparent) हो जाने की वजह से दीखने लगे . उसके दर्क निपल एक दम से तन कर आमंत्रण दे रहे थे . जांघों से नाईटी चिपक गई थी . उसके उभरे हुए नितम्ब आकर्षित कर रहे थे . संजय ने जब नजर नीचे कर यह नज़ारा देखा तो उसका लंड दन -दन करता हुआ खड़ा हो गया . उसका लंड एक गोरी और मस्त लौंडिया को देख कर फड़फडाने लगा . वोह पाइप वापस फिटिंग करते हुए कभी पाइप को देख रहा था तो कभी रीना की उफनती हुयी जवानी को देख रहा था .तभी उसके हाथ से रेंच -पाना (an instrument to tight pipe) नीचे बाथ टब मे गिर गया और उसके हाथ से पाइप भी छूट गया .पानी ऊपर पाइप से नीचे गिरने लगा . ख़ुद भी पुरी तरह से भीग गया . उसके बदन के कपडे भी भीग गए . कोस्ट्युम जैसे अंडसुमित यर से लंड का साइज़ साफ दिख रहा था .बहुत ही मोटा और लंबा लग रहा था.और मुड़ा हुआ था.. ऊपर से ही कहा , "मेम साहेब , जरा वोह रेंच -पाना देना प्लीज़ ."रीना ने रेंच -पाना उठाया तो शावर अपनी जगह से खिसक गया . जिसकी वजह से पानी फिर गिरने लगा . एक हाथ से शावर को पकडे हुए दूसरे हाथ से झुक कर उस ने रेंच -पाना को उठाया और उसकी मस्तानी गांड ..ऊह्ह..ओह्ह ..क्या दृश्य था ..मोटे गदराये नितम्बो की गोलाई और उसमे वो गांड..वो हाथ से रेंच पाना देने लगी . लेकिन पानी गिरते रहने की वजह से उसका ध्यान शावर की तरफ़ ही था . दूसरा हाथ रेंच -पाना संजय को देने के लिए आगे बढाया हुआ था . ऊपर संजय भी पाइप से पानी गिरते रहने की वजह से पाइप की और ही देख रहा था . उसने ऊपर ही मुह किए हुए वापस कहा , "मेम साहेब , प्लीज़ . वह रेंच -पाना देना ."रीना भी शावर की और देखते देखते बोली , "दिया तो है . लेलो ."तभी दोनों की नज़र आपस मे टकराई तो देखा की रेंच -पाना रीना ने अनजान -वश संजय के मोटे फूले हुए लंड मे फंसा दिया था .संजय यह देखकर मुस्कुराया और रीना ने अपनी नज़र नीचे झुका ली . संजय रेंच -पाना अपने लंड पर से निकाल कर पाइप को फिटिंग करने लग गया .संजय बोला , "अच्छा मेम साहिब , अब धक्का नही दूँगा . मैं थोड़ा ज्यादा ही जोश मे आ गया था . लेकिन अब इसे चूसो . तड़पाओ मत मुझे ."रीना उसके लंड को चाट रही थी ऊपर से फव्वारे से पनि गिर रहा था . संजय को जन्नत का मजा मिल रहा था . तभी संजय को महसूस हुवा की अगर लंड को रीना के मुह से नही निकला तो फव्वारे की तरह उसका लंड भी पानी फेंकने लगेगा . उसने रीना को बाथ टब मे लेटकर उस पर छा गया और उसके मम्मे अपने हाथों से पकड़ एक को मुह मे लेकर आम की तरह चूसने लगा . रीना के मुह से सिस्कारी निकल गई ..आह्ह..उफ्फ्फ..इश..श.स्.स्.स्.स्. धीरे..लेकिन अब संजय कुछ नही सुनने वाला था . संजू बगैर दांतों से नुकसान पहुँचाये उसके एक -एक करके दोनों उरोजो को बारी -बारी से मुह मे लेकर चूस रहा था . साथ मे बोलता भी जा रहा था , "मेम साहेब , तुम्हारे चुचियो का जवाब नहीं .....तुम्हारे चूंची कितने मलाई जितने चिकने है .....और तुम्हारे गुलाबी निपल .. उफ़ ....इन्हे तो मैं खा जाऊंगा ."रीना सिस्कारी लेते हुए बोली , ""हाय ! और जोर से मेरी चूची मसलों , इनको ख़ूब दबाव , दबा दबाके इनका सारा रस पी जाओ . मुझे बहुत मज़ा आ रहा है . मेरे पुरे बदन मे नशा छा रहा है . हाय मुझको इतना मज़ा कभी नही मिला . और दबाव मेरी चूची को ."संजय उसके मम्मे चूसते हुए अपने एक हाथ को उसके मम्मे से सरकाते हुए उसकी चूत के ऊपर हाथ से मालिश करने लगा . रीना का जोश दुगुना हो गया . उसकी सिस्कारियां बढती ही जा रही थी . जिनको सुनकर संजय का भी जोश बढ़ गया . उसका मुह और दोनों हाथ की स्पीड डबल हो गई . अपनी जीभ से उसकी कड़क हुयी निपल को चूसने के साथ उसकी चूत और झांटो पर अपनी रगड़ बढ़ा दी . "आः आह्ह ......प्लीज़ आहिस्ता करो . रगडो मेरी चूत को .. आराम से करो .. मजा आ रहा है तुम ने क्या कर दिया है .. आज ऐसा पहली बार फील कर रही हूँ और बहुत अच्छा लग रहा है .. हाँ ऐसे .. आराम से .. मगर रुकना मत .. करते रहो .. ओह्ह हह स्.स्.स्.स्.स्.स्.उफ्फ्फ....और उसने टटोल कर फ़िर से उसके लंड को पकड़ा जो की फुफकार रहा था... "लोहे को गरम होते देख संजय ने अब अपना हथोडा मारना ही अच्छा समझा . उसने रीना को दीवाल के सहारे उठा के खड़ा कर उसके पीछे से अपने दोनों हाथो से उसके चूतड को सहलाना शुरू कर दिया . उफ़ ... क्या गुदाज़ जिस्म के उसके चूतड थे . दूध मे सिन्दूरी कलर डाले हुए रंग के चूतड . वोह अपनी किस्मत पर यकीन ही नही कर पा रहा था . वाकई मे ऐसी चूत और चूतड किस्मत वाले को ही मिलते है . उसने अपनी जीभ निकल कर उसके चूतड को चाटना चालू कर दिया . रीना के मादक बदन मे एक सिहरन दौड़ गई . उसका बदन का एक -एक रोंया सिहर उठा . पुरे बदन मे बिजली कड़क रही थी . चूतड को चाट -ते चाट -ते अपनी जीभ को उसकी पीछे से उभर कर बाहर आई हुयी चूत पर लगा दिया . जीभ चूत पर लगते ही रीना के मुह से "ऑफ़ फ . ..ओफ्फ्फ " की आवाज आनी शुरू हो गई . अपनी जीभ को संजय ने धीरे धीरे आगे बढ़ाते हुए चूत की चुदाई अपनी जीभ से चालू कर दी . चोदना -चाटना , चोदना -चाटना , चोदना -चाटना यही कर रहा था अपनी जीभ से उसकी गुलाबी चूत को दोनों फांक चिपकी हुयी थी..उसे ऊँगली से थोड़ा फैला लिया था..."ओओओह मा .. ओह आहा आया .. यह क्या कर रहे हो , बहुत मज़ा आ रहा है और चाटो , चूस डालो ... पानी निकल दो इसका .... बहुत प्यासी है मेरी चूत ," रीना की लहराती हुयी आवाज बाथरूम मे गूँज रही थी . मेरी प्यास बुझा दो , मुझे ठंडा कर्दो .. मेरा जिस्म बहुत जल रहा है .. कुछ कुछ हो रहा है मन मे , प्लीज़ मेरी आग बुझा दो मेरी .. प्लीज़संजय ने उसकी रसीली छूट की चुसाई कर उसे वैसे ही खड़ा रहने दिया और अपने सख्त लंड को उसके चूतड पर दबाना शुरू कर दिया . लंड को एकदम नजदीक देख उसकी चूत का पानी बहना चालू हो गया . चूत एकदम से जूसी हो गई . अपने हाथ को पीछे ले कर संजय को अपने बदन से चिपका लिया . उसकी चूत की भूख अब बढती ही जा रही थी . अब उससे सहन नही हो पा रहा था . वोह भड़क कर बोली , "उफ्फ्फ ... देख क्या रहे हो ... चालू करो .... लगाओ अपने लंड को निशाने पर और मारो धक्का ."संजय ने अपने लंड को उसकी चूत के निशाने पर ला थोड़ा सा धक्का दिया . आधा सुपाडा लंड का चूत मे जा कर फँस गया . दूसरा धक्का मारा तो उसके लंड का पूरा सुपाडा उसकी चूत मे जा कर धंस गया . तीसरा धक्का मारा तो आधा लंडउसकी गुफा मे गायब हो गया . साथ ही रीना की चीख पूरे घर मे फ़ैल गई..ऊह मेरी माँ..मर गयी..निकालो....अह्ह्ह..आह्ह..बाप रे..इतना मोटा...निकालो..मैं मर जाऊंगी.. लेकिन संजय रुका नही..वो समझ गया था की ये चुदी हुयी चूत है ..थोड़ा चिल्लायेगी..क्युकी इतना मोटा लंड कभी चूत मे नही घुसा है ..उसके शहरी दोस्त का नए ज़माने का लंड ही घुसा होगा..उसने रीना को थोड़ा दबा के पकड़ा और फ़िर धीरे धीरे चोदने लगा..एक और धक्का मारा तो इस बार रीना की आनंद भरी चीख भी निकल गई . "हाय .... क्या लंड है तुम्हारा .... एक दम से तगड़ा और सख्त .... उफ़ ..... वाकई मे ही ... जैसे कोई गरम गरम हथोडा जाकर मेरी चूत मे फँस गया हो ."अब संजय ने अपने धक्के लगाने शुरू कर दिए . खड़े होने की वजह से पूरा लंड तो अन्दर नही जा रहा था लेकिन जितना भी जा रहा था वह रीना की चूत मे खलबली जरूर मचा रहा था . थोड़ी देर इस तरह दक्के मरने के बाद उसने अपने लंड को बाहर निकाल दिया और रीना को बाथरूम के फर्श पर लेटा कर अपने लंड को उसके मुह मे दाल दिया . रीना ने गप्प से उसको मुह मे ले लिया . थोड़ी देर चूसाने के बाद बाहर निकाल उसके लंड को हाथ से पकड़ सुरेश को कहा , "प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत मैं डाल दो . मुझे और मत तड़पाओ ज़ालिम . मुझे छोड़ो , मैं तुम्हारे लंड की दीवानी बन गयी हूँ . अपने लंड से मेरी चूत की प्यास बुझाओ ."संजय ने उसकी जांघों को चौड़ा कर अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया . फिर कस कर एक धक्का मारा .लंडउसकी रस से भरी हुयी उसकी चूत को ककड़ी की तरह फाड़ता हुआ चूत की अन्दर वाली दीवार से सीधा जा टकराया . रीना तो एक बार पुरी तरह कंप गई और पूरा बदन दहल उठा और मुह से चीख निकल गई..उईई माँ.मार डाला ..मेरी फट गयीई...आह्ह्ह..लेकिन संजय को अब कोई परवाह नही थी..उसने आव देखा ना ताव..और फटके लगाने शुरू कर दिए..उसने देखा उसके लंड पर कुछ खून के दाग लगे है..आज सच मे रीना की चूत फट गई..संजय ने . लंड को बाहर निकाल वापस धक्का मारा तो उसकी सिस्कारी निकालनी चालू हो गई . "उफ़ ... अह्ह्ह ..." संजय अपनी फुल्ल स्पीड से उसकी चूत के अन्दर बाहर अपने लंड को कर रहा था .रीना बड़बड़ा रही थी , "ओह्ह ह ... क्या चोद रहे हो तुम .... वाकई मे मेरी चूत धन्य हो रही है ... तुम्हारी चुदाई से .... उफ्फ्फ .... मेरी चूत को आज चोद -चोद कर ख़ूब रगड़ाई करो .... आह्ह्ह ह .... चोदो .... चोदो .... और चोदो .... चोदते ही जाओ .मुझे मार डालो..मेरी चूत का पूरा पानी निकालो "हाँ रानी .... ख़ूब चोदुंगा तुझे आज ...तुम्हारी जीं भर की कसर निकालूँगा आज मैं ....लो संभालो मेरे लन्ड को .....उफ्फ्फ ....तुम्हारी चूत .....क्या नरम और नाजुक है ....तुम्हारे संतरों का भी जवाब नही ....उफ़ क्या चुचिया है तुम्हारी ....आज तुझे ऐसा चोदुन्गा मैं की जिंदगी भर याद रखोगी ."धक्कों की स्पीड बढती ही जा रही थी . दोनों मदहोश हुए चुदाई मे लगे हुए थे रीना इस बीच दो बार झाड़ चुकी थी..और चूत ने इतना पानी फेंका था की लंड अन्दर अब आराम से फिसलता हुआ जा रहा था और बाहर भी आ रहा था..और बाथ रूम मे . घचा -घच ....फचा -फच .की आवाज़ आने लगी थी. दोनों आँखों से एक -दूसरे को देखते हुए एक दूसरे मे ज्यादा से ज्यादा सामने की कोशिश मे लगे हुए थे लंड अन्दर जता फिर बाहर आकर दुगने जोश से वापस अन्दर चला जाता . चूत उसका थोड़ा ऊपर उठके स्वागत करती फिर गुप्प से उसको अपने अन्दर समां लेती .रीना की चीखें बढती गई , "राजा चोदो मुझे . और तेज .. और जोरसे ... चोदो . ऊफ्फ्फ , ओह्ह्ह , आह्ह्ह , ऊईई माँ , मार गई मैं आज . फाड़ दो मेरी चूत को .... और जोर से चोदो मुझे ...अपने लंड से फाड़ दो मेरी चूत को ... मुझको अपना बनालो .... चोदो मुझको ... जोर से चोदो ... प्लीज़ .....इसको अन्दर तक चोदते रहो .... ऊईए ... उफ़ ... कितना मोटा लंड है , ऐसा लगता है की गधे का लंड हो ....मुझे ऐसा लग रहा है की मैं पहली बार चूदी हूँ ....तुम बहुत मजे का चोदते हो देखो मेरी चूत फटी क्या..और उसने ख़ुद अपना एक हाथ चूत और लंड पर लगाया..और देखा की खून निकला है..वो बोल उठी..राजा..आज सच मे मेरी सील टूटी है..साली कंचन ने कल सील तुडवाई लेकिन..मेरी चुदी हुयी चूत की भी आज फ़िर से सील टूट गई..ई.ई.ई.आह्ह..."संजय अपने लंड को थोड़ा निकाल उसकी जांघों को और फैला कर उसकी चूत की चुदाई चालू कर दी . अन्दर तक जा रहे लंड से अब उसकी चूत पिघलने को तैयार हो गई . रीना ने अपनी टांगो से उसकी टांगो को एकदम से जकड लिया और बड़ बड़ाई , येस्स ... मेरे राजा ... चोदो मुझे .... उफ्फ्फ .... और .... और ..... अह्ह्ह . ... मेरा पानी .... हाय .....मेरा पानी निकलने वाला है ....राजा ....चोदो ..आह आह आह्हा आह ओफ्फ्फ ..मेरा पानी निकला .....हाँ .... निकला ..... हाँ .हाँ हाँ हाँ उफ़ इश श स्.स् स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्. .... निकल गया ."संजय के साथ एक -दम से चिपट कर अपनी चूत के पानी से उसके लंड को सींच ही रही थी ..इस बार उसका पानी बहुत तेजी से और बहुत सारा निकला..और उसके इस तरह चिपकाने से संजय के लंड ने भी अपना फव्वारा छोड़ दिया . चूत और लंड का मिलन अपने चरम पर पहुँच गया . दोनों एक दूसरे की बाँहों मे खोते हुए निढाल हो कर फर्श पर ही लेट गए . थोड़ी देर बाद संजय उठा और अपनी नज़रे रीना की आँखों मे गडाते हुए बोला , "मेम साहिब ये चुदाई मुझे जिंदगी भर याद रहेगी ."रीना ने भी कहा ,"और नही चोदोगे मुझे .""नही मेम साहिब , अब दूकान पर जन होगा . नही तो सेठ को बोलना भारी पड़ेगा मुझे ."इच्छा नही होते हुए भी संजय को विदा करने रीना उठ खड़ी हुयी .उसकी चूत की हालत ख़राब हो गई थी..ऐसी चुदाई उसने सपने मे भी नही सोची थी..पुरा बदन टूट रहा था..लेकिन फ़िर भी अच्छा लग रहा था...संजय खड़ा होकर अपने कपड़े पहने और रीना को चूमता हुवा बाथरूम से बाहर निकल गया .दरवाजे पर आया रीना उसके पीछे थी उसने देखा फिर बगैर कपड़ों मे खड़ी रीना को अपनी बाँहों मे समेत -ते हुए उसके होंठों को चूमा , चुचियो को सहलाया , चूत को मसला . रीना भी उसकी बाँहों से अपने एक हाथ को फ्री कर पैंट के ऊपर से ही उसके लंड को मसलने लगी . लंड झट से खड़ा हो गया . खड़े हुए लंड ने रीना के हाथों मे फुर्ती ला दी . और जोर से मसलने लगी और बोली , "देखो इसे . इसको अभी नही जाना है ."फिर नीचे बैठ कर उसके लंड को पैंट की चैन खोल कर बाहर निकाल ली और चूसाने लग गई . लंड मुह मे जाते ही उछल कूद मचने लग . अपनी पैंट को नीचे खिसका कर रीना को घोड़ी बना कर अपना लंड उसकी नाजुक चूत मे एक धक्के मे पेल दिया और क़रीब २० मिनिट ऐसे ही चोदा और फ़िर अपना पूरा माल उसकी चूत मे डाला..ये चुदाई बहुत ही घमासान थी..रीना सिर्फ़ चीखती रही..आह्ह..मर..गयी.ई.ई..अआछ..चोदो..और संजय ने हुमच हुमच कर चोदा जब रीना झड़ी उसके १ मिनिट बाद ही संजय ने अपना पानी भी उसकी चूत मे डाल दिया... रीना की जान मे जान आई . उसकी चूत लंड खाने को ही उतावली थी और उसे लंड मिल गया ..प्यारी चूत
दोस्तो अभी तक आपने पढ़ा की कैसे कंचन की कुंवारी चूत की चुदायी सुमित ने की और रीना की गरम तड़पती चूत मे प्लंबर संजय ने अपना लावा डाल के उसकी आग को ठंडा किया
कहानी अभी बाकि है भाई आगे आप जानेगे कैसे सुमित ने अपने दोनों साली की चुदाई की को पढ़ते रहे मेरी गरम गरम सालियां
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